Stamp Vendors:स्टाम्प विक्रेताओं का लायसेंस निरस्त,अधिक मूल्य पर बेच रहे थे स्टाम्प
कई दिनों से मिल रही थी वेंडरों की शिकायत
रायपुर/नवप्रदेश। Stamp Vendors:राजधानी के तहसील परिसर और कलेक्ट्रेट परिसर में स्टाम्प वेंडरों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया, जिसमे अधिक मूल्य पर स्टाम्प बेचने की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए चार स्टाम्प विक्रेताओं का लायसेंस आज निरस्त कर दिया गया।
उप महानिरीक्षक पंजीयन एवं जिला पंजीयक रायपुर की टीम द्वारा सचिव वाणिज्यिक कर पंजीयन निरंजन दास के निर्देश पर संयुक्त रूप से 28 जून को निरीक्षण किया गया, जिसमें दोनों परिसर में कुल 9 स्टाम्प वेंडरों में से 4 स्टाम्प वेंडरों (Stamp Vendors) द्वारा अधिक राशि पर स्टाम्प का विक्रय किया जाना पाया गया। इन चारों स्टाम्प वेंडरों का लायसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। स्टाम्पों को अधिक कीमत पर बेचने पर अंकुश लगाने के लिए सचिव वाणिज्यिक कर पंजीयन ने राज्य के सभी जिला पंजीयकों को नियमित रूप से स्टाम्प वेंडरों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।
जिन चार वेंडरों (Stamp Vendors) का लायसेंस निरस्त किया गया उसमे अशोक कुमार साहू, गीता बघेल, दिलीप कुमार साहू और देवकुमार जोशी शामिल है। भारतीय स्टाम्प अधिनियम-1899 के अधीन स्टाम्पों के विक्रय के लिए अनुज्ञप्ति नियम की शर्त के उलंघन के लिए इन्हे दोषी पाया गया। वहीं शेष 5 स्टाम्प वेंडरों के द्वारा अन्य अनियमितता पाए जाने पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में स्टाम्पों (Stamp Vendors) की आपूर्ति के लिए भौतिक स्टाम्पों के साथ ई-स्टाम्पों के प्रदाय की भी व्यवस्था है। इसके लिए स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के द्वारा अधिकांश जिलों में ई-स्टाम्प सुविधा केन्द्र संचालित है। इसके अलावा राज्य में लगभग 1100 लोक सेवा केन्द्रों और कतिपय बैंकों को भी ई-स्टाम्पों के प्रदाय के लिए अधिकृत किया गया है। स्टाम्प वेंडरों द्वारा अधिकांशतः छोटे मूल्य के स्टाम्प (500 रूपए तक के स्टाम्पों) का विक्रय किया जाता है।