Snake Bite Survival : करैत के 3 बार डंसने के बाद 11 दिन वेंटिलेटर पर रहकर जिंदगी की जंग जीती तीन साल की मासूम…

Snake Bite Survival : करैत के 3 बार डंसने के बाद 11 दिन वेंटिलेटर पर रहकर जिंदगी की जंग जीती तीन साल की मासूम…

Snake Bite Survival

Snake Bite Survival

Snake Bite Survival : ज़िंदगी और मौत के बीच 11 दिनों तक चले संघर्ष के बाद तीन साल की मासूम कंचन ने मौत को मात दे दी। 22 जुलाई को शहडोल जिले में करैत प्रजाति के जहरीले सांप ने उसे लगातार तीन बार डंस लिया था। ज़हर का असर इतना तेज़ था कि चंद मिनटों में ही बच्ची के हाथ-पैर सुन्न पड़ गए, सांस लेने में कठिनाई होने लगी और उसकी हालत नाजुक हो गई।

परिजन उसे तत्काल जिला अस्पताल की पीआईसीयू (Pediatric Intensive Care Unit) लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत वेंटिलेटर सपोर्ट पर डाल दिया। सर्पदंश के पहले 24 घंटों में ही कंचन को 40 एंटी-वेनम इंजेक्शन दिए गए। डॉक्टरों(Snake Bite Survival) के अनुसार, जहर ने उसके दोनों हाथ-पैरों को पक्षाघातग्रस्त कर दिया था और उसकी सांसें बेहद धीमी हो चुकी थीं।

लगातार मॉनिटरिंग और टीमवर्क से मिली नई जिंदगी

डॉक्टरों की टीम ने चौबीसों घंटे निगरानी, जीवन रक्षक उपकरण और सही दवाओं के ज़रिए इलाज जारी रखा। हर दिन माता-पिता के लिए उम्मीद और डर का नया इम्तिहान था। ग्यारहवें दिन, वेंटिलेटर पर लंबी लड़ाई के बाद, बच्ची की हालत में सुधार दिखने लगा। धीरे-धीरे वेंटिलेटर सपोर्ट हटाया गया और अब वह सामान्य आहार लेने लगी है।

भावुक पल और चेतावनी

जब कंचन की मुस्कान वापस लौटी तो माता-पिता की आंखों से खुशी के आंसू झर पड़े। उन्होंने डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ का धन्यवाद किया, जिन्होंने समय रहते सही इलाज कर उनकी बच्ची को नई जिंदगी दी। यह घटना न केवल सर्पदंश के खतरों के प्रति चेतावनी(Snake Bite Survival) है, बल्कि यह भी साबित करती है कि समय पर इलाज, आधुनिक चिकित्सा और जीने की इच्छा मिलकर असंभव को भी संभव बना सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed