ऐसा अस्पताल जहां स्ट्रेचर, व्हील चेयर से ढो रहे दवा और फाइलें, कंधों के सहारे मरीज
- मरीजों के परिजन उन्हें उठाकर व कंधों के सहारे ले जा रहे कक्षों तक
बिलासपुर/नवप्रदेश । सिम्स अस्पताल (sims hopital bilaspur) के बारे में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि इसमें मौजूद स्ट्रेचर, व्हील चेयर (stretcher] wheel chair) मरीजों (not available to patients) के लिए नहीं, बल्कि अस्पताल (sims hospital) की फाइलें और दवाइयों (files and drugs) के कार्टून ढोने के लिए हैं। जबिक परिजन मरीजों को कंधों के सहारे व उन्हें उठाकर ले जाने के लिए मजबूर हैं।
अस्पताल (sims hospital bilaspur) में शनिवार को यह नजारा देखने को मिला। लिहाजा यहां आने वाल मरीजों (not available to patients) के मुंह से यही सवाल सुनने को मिलता है कि आखिर सिम्स अस्पताल में फैली अव्यवस्थाएं कब दूर होंगी। गौरतलब है कि सिम्स मेंं रोजाना ओपीडी में मरीजों काफी संख्या में होती है। कुछ ऐसे मरीज भी होते हैं जो चलने में भी असमर्थ होते हैं।
ऐसे मरीज डॉक्टर कक्ष और वार्ड तक अपने परिजन के कंधों के सहारे जोन को बेबस हैं। खास बात यह भी है कि अस्पताल को पिछले सत्र में ही दर्जन भर से अधिक स्ट्रेचर शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए थे। इन्हें अस्पताल प्रबंधन मरीजों के लिए नहीं बल्कि अस्पताल की फाइलों तथा दवाइयों (files and drugs) को ढोने के लिए स्तेमाल कर रहा है।
इन्हें नसीब नहीं हुआ स्ट्रेचर-व्हील चेयर
1. पैर में फ्रैक्चर, उठाकर ले गए दोस्त
बिलासपुर विश्वविद्यालय के छात्र सूर्यप्रकाश (24) का गिरने से पैर फ्रैक्चर हो गया जिसे उपचार हेतु उसके दोस्त सिम्स लेकर पहुंचे। काफी खोज के बाद भी स्ट्रेचर, व्हील चेयर (stretcher, wheel chair) नहीं मिलने से हताश होकर दोस्त उसे उठा कर आर्थोपेडिक वार्ड लेकर गये।
2. पुलिसकर्मी को भी गोद में उठाकर ले जानी पड़ी छात्रा
वहीं स्कूल में अचानक बेहोश होकर एक छात्रा गिर गई। जिसे डॉयल 112 के पुलिस कर्मी छात्र सिम्स आपात चिकित्सा में लेकर पहुंचे। वाहन खड़े कर कुछ देर स्ट्रेचर, व्हील चेयर का इंतजार किया। लेकिन अंत में उन्हें छात्रा को गोद में उठाकर ही ओपीडी तक पहुंचना पड़ा। इन दो मामलों के अलावा भी चल पाने में अक्षम मरीजों को उनके परिजन द्वारा कंधों के सहारे ले जाते पाया गया।