Sidhu Musewala Massacre : जेलों की व्यवस्था में सुधार जरूरी
Sidhu Musewala Massacre : प्रसिद्ध गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है कि उसकी हत्या की साजिश कुख्यात गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई ने नई दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में रची थी। जिससे यह साबित होता है कि जेलों में किस कदर अव्यवस्था है। दिल्ली की तिहाड़ जेल देश की सबसे बड़ी जेल है जहां बड़े-बड़े आतंकवादी और गैंगस्टर सजा काट रहे है। वहां रहकर अगर कोई गैंगस्टर किसी की हत्या की साजिश रच सकता है तो इससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि देश की अन्य जेलों में क्या स्थिति होगी। उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में कैद मुफ्तार अंसारी नामक गंैगस्टर भी जेल से ही हफ्ता वसूली का काम चला रहा है।
इस मामले का खुलासा (Sidhu Musewala Massacre) उस समय हुआ जब कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने उक्त जेल में आकस्मिक जांच की तो कई चौकाने वाले खुलासे हुए। वहां मुफ्तार अंसारी को हर तरह की सुविधाएं सुलभ कराई जाती थी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक डिप्टी जेलर और चार जेल कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। यही हाल देश भर की अन्य जेलों का है। जहां बड़े गैंगस्टर और कुख्यात अपराधि जेल में रहकर ही अपना गिरोह चलाते है।
इन अपराधियों को जेल में मोबाईल भी मिल जाता है और अन्य सुविधाएं भी सहजता से उपलब्ध हो जाती है। इसके बदले में वे जेल स्टाफ को जरूर मोटी रकम अदा करते होंगे तभी वे जेल में रहते हुए भी अपना गिरोह संचालित करते है। जेलों में इस तरह की घटनाएं पहले भी कई बार सामने आ चुकी है और कुछ जेल अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही भी हो चुकी है इसके बाद भी जेलों की व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है जो गंभीर चिंता का विषय है।
जेलों में कैदियों के गिरोह भी बन जाते है और उनके बीच गैंगवार (Sidhu Musewala Massacre) भी होती है। इतनी बड़ी बड़ी घटनाएं जेल के भीतर बगैर जेल स्टाफ की मिलीभगत के संभव ही नहीं है। लारेंस बिश्रोई ने जिस तरह तिहाड़ जेल में रहते हुए हत्या की साजिश रची है उसके बाद तिहाड़ जेल की व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठने लगे है। भविष्य में जेल में कैद अपराधि ऐसी घटनाओं को अंजाम न दें इसके लिए यह जरूरी है कि जेलों की व्यवस्था में तत्काल सुधार किया जाएं।