Shramik train से लौटे लोग बोले- छत्तीसगढ़ वापस लाने मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद…

Shramik train से लौटे लोग बोले- छत्तीसगढ़ वापस लाने मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद…

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रायपुर/नवप्रदेश। श्रमिक स्पेशल ट्रेन (shramik train) से सोमवार को बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे छत्तीसगढ़ के लोगों (people of chhattisgarh) ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल धन्यवाद दिया (express gratitude to cm baghel) है।

कोरोना के कारण लाॅक डाउन में गांधीनगर में परिवार सहित फंसे कोरबा के प्रदीप कुमार चैहान ने भावुक होते हुए कहा- ‘लगता था कैसे छत्तीसगढ़ पहुंचेंगे..? कैसे घर वापसी होगी..? कोरोना के कारण खाने-पीने के भी लाले पड़ गये थे.. सेठ ने भी खाना देने और रखने से मना कर दिया था.. पत्नी के साथ दो बच्चों को लेकर घर लौटने की चिन्ता हर समय सताती रहती थी। भला हो हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी का.. मेरे परिवार सहित ऐसे कई परिवारों को छत्तीसगढ़ की धरती पर वापस लाने के लिए ट्रेन (shramik train) की व्यवस्था की। ऐसे मुख्यमंत्री के कारण ही हम लोग आज रेलगाडी से बिलासपुर पहुंचे हैं। अपने छत्तीसगढ़ आ गये हैं, अब अपने घर जा सकेंगे…।

श्रमिकों ने ली चैन की सांस

प्रदीप कुमार की तरह कुछ अन्य लोगों ने भी अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ के अन्य लोगों (people of chhattisgarh) ने भी मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया (express gratitude to cm) । अहमदाबाद से चली विशेष श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ी आज सुबह लगभग पौने दस बजे बिलासपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची तो इसमें सवार ग्यारह सौ से अधिक श्रमिकों ने चैन की सांस ली और अपने राज्य पहुंचने पर उनके मन मस्तिष्क में संतोष का भाव साफ देखा जा सकता था।

प्रदीप व उनके परिवार को लाने कोरबा कलेक्टर ने भेजी टीम

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रयासों से आई इसी ट्रेन से कोरबा से हरदीबाजार से नौ किलोमीटर दूर नवाडीह गांव के निवासी प्रदीप कुमार चैहान अपनी पत्नी श्रीमती संतोषी बाई चैहान और दो छोटे बच्चों के साथ बिलासपुर पहुंच गये हैं। कलेक्टर किरण कौशल ने इस परिवार को कोरबा लाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से विशेष दल बिलासपुर भेजा है। आज शाम तक प्रदीप कुमार अपने परिवार के साथ कोरबा पहुंच जायेंगे। जहां उन्हें आगामी 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जायेगा।

दीपावली के बाद गांधीनगर कमाने-खाने गया था प्रदीप का परिवार

दूरभाष पर बात करने पर प्रदीप कुमार चैहान ने बताया कि पिछले साल दीपावली के बाद वे अपने परिवार के साथ गांधीनगर कमाने-खाने पहुंचे थे। अपनी पत्नी और पांच साल तथा ढाई साल की दो बेटियों को साथ लेकर वे गांधीनगर के पास के गांव में ईंट भट्ठा में ईंट बनाने का काम करते थे।

प्रदीप कुमार चैहान ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हुए लाॅक डाउन से ईंट भट्ठे का व्यवसाय बंद हो गया। कुछ दिन तक सेठ ने बैठाकर खिलाया परंतु बाद में उसने भी हाथ खड़े कर दिये। कमाई की रकम भी खतम होने की कगार पर है। ऐसे में लाॅक डाउन की सख्ती के कारण जरूरी सामान लेने के लिए भी नहीं निकल पा रहे थे। जल्दी से जल्दी वापस घर लौटने की चिन्ता थी।

पता चलते ही कराया पंजीयन

उन्होंने बताया कि ऐसे में पता चला कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए ट्रेनों (shramik train) की व्यवस्था की है। प्रदीप कुमार ने अपने परिवार का पूरा विवरण स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराकर पंजीयन कराया और छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को वापस लेकर आने वाली पहली गाड़ी से वे बिलासपुर पहुंच गये। प्रदीप कुमार ने कोरोना के इस माहौल में भी घर से दूर दूसरे राज्य में बिना काम के भूख-प्यास से परेशान छत्तीसगढ़ के लोगों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए उन्हे वापस लाने के लिए ट्रेन भेजने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बार-बार आभार और धन्यवाद जताया।

1100 लाेग पहुंचे हं श्रमिक स्पेशल ट्रेन से


उल्लेखनीय है कि अहमदाबाद से छत्तीसगढ़ राज्य के ग्यारह सौ से अधिक प्रवासी श्रमिकों को लेकर स्पेशल ट्रेन आज सुबह बिलासपुर पहुंच गई है। इस ट्रेन से बिलासपुर, दुर्ग, जांजगीर-चांपा, जशपुर, कवर्धा, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़ और रायपुर जिले के श्रमिक बिलासपुर पहुंचे हैं। इन सभी श्रमिकों को बारी-बारी से ट्रेन से उतारकर उनकी मेडिकल स्क्रिनिंग की गई है। श्रमिकों को सेनेटाईजर और मास्क उपलब्ध कराये गये हैं। इन सभी श्रमिकों को मेडिकल स्क्रिनिंग के बाद इनके गृह जिलों के लिए रवाना किया जायेगा। जहां पुनः मेडिकल जांच के बाद सभी को आगामी 14 दिनों तक क्वारेंटाईन सेंटरों में रखा जायेगा।

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