Shortage of Fertilizers : केन्द्र से आपूर्ति कम…राज्य सरकार का यह आश्वासन…
रायपुर/नवप्रदेश। Shortage of Fertilizers : केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को खरीफ 2022 में मांग के विरूद्ध रासायनिक उर्वरकों की कम आपूर्ति के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा राज्य के किसानों को खरीफ के लिए समय से उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा रासायनिक उर्वरक प्रदायकर्ता (Shortage of Fertilizers) फर्टीलाइजर कंपनियों के पदाधिकारियों से लगातार संपर्क एवं समन्वय कर उर्वरकों की राज्य में आपूर्ति सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। उर्वरकों के लिए रेल के माध्यम से प्राप्त होने वाले रैक के लिए भी आवश्यक समन्वय किया जा रहा है।
अप्रैल और मई में मिला 1 लाख 9 हजार मेट्रिक टन कम यूरिया
अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार माह अप्रैल एवं मई 2022 में राज्य को यूरिया की कुल आपूर्ति 3.29 लाख टन होनी थी, लेकिन केवल 2.20 लाख टन यूरिया ही प्राप्त हुआ। यूरिया के वितरण का संपूर्ण नियंत्रण भारत सरकार के उर्वरक मंत्रालय द्वारा किया जाता है। यूरिया की उपलब्धता खरीफ के लक्ष्य के विरूद्ध 62 प्रतिशत है। इसी प्रकार राज्य में एनपीके की उपलब्धता खरीफ के लक्ष्य के विरूद्ध 30 प्रतिशत, डीएपी की उपलब्धता 39 प्रतिशत, पोटाश की उपलब्धता 35 प्रतिशत है। आगामी दिनों में समय पर उर्वरक न मिलने से इनकी कमी हो सकती है। राज्य सरकार द्वारा रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
डीएपी-पोटाश की उपलब्धता क्रमशः 39% व 35%
गौरतलब है कि खरीफ 2022 के लिए छत्तीसगढ़ द्वारा केन्द्र से कुल 13.70 लाख टन उर्वरकों की मांग की गई है, जिसका अनुमोदन भारत सरकार द्वारा दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा उर्वरकों की कुल मांग में से यूरिया 6.50 लाख टन, डीएपी 3 लाख टन, पोटाश 80 हजार टन, एनपीके 1.10 लाख टन एवं सुपरफास्फेट 2.30 लाख टन शामिल है।
राज्य सरकार द्वारा किसानों को सहकारी संस्थाओं के माध्यम से अग्रिम उठाव करवाने, पौश मशीन में नियमित एन्ट्री करवाने एवं प्राप्त उर्वरक के तेजी (Shortage of Fertilizers) से भंडारण एवं वितरण की व्यवस्था की जा रही है, ताकि राज्य को समय पर उर्वरक प्राप्त करने में समस्या न हो। चूंकि यूरिया के अतिरिक्त अन्य सभी उर्वरकों अधिकांशतः आयातित सामग्री पर आधारित है अतः इनकी व्यवस्था भारत सरकार के माध्यम से ही की जा सकती है। अतः राज्य में पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध कराने का दायित्व केन्द्र सरकार का है।