Shehbaz Sharif India Talks : शांति का राग या रणनीति…?”भारत से मुंह की खाने के बाद अब नरमी पर उतरे शहबाज शरीफ…

इस्लामाबाद/नई दिल्ली, 16 मई| Shehbaz Sharif India Talks : वर्षों तक परमाणु हमले की धमकी देने वाला पाकिस्तान अब शांति और संवाद की बात कर रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत से संवाद की पेशकश की है, लेकिन साथ में पुराना राग – कश्मीर – भी अलापना नहीं भूले। यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह राजनीतिक रणनीति है या वास्तविक परिवर्तन?
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बदली पाक की ट्यून
भारत के सशस्त्र बलों की प्रभावी सैन्य कार्रवाइयों के बाद पाकिस्तान की आक्रामक भाषा में अचानक नरमी आई है। बार-बार युद्ध भड़काने की कोशिशें और घुसपैठ में विफलता के बाद अब शरीफ ने कहा –
“हम भारत से शांति के लिए बातचीत को तैयार हैं।”
यह बयान पंजाब प्रांत के दौरे में सेना अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान आया, जहां उनके साथ सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और उपप्रधानमंत्री इशाक डार भी मौजूद (Shehbaz Sharif India Talks)थे।
‘कश्मीर’ की बिना शांति संभव नहीं – पाक का पुराना एजेंडा
बातचीत की बात करते हुए शरीफ ने कश्मीर मुद्दे को फिर से केंद्र में रखने की कोशिश की। जबकि भारत ने पहले ही वैश्विक मंचों पर साफ कर दिया है कि – “जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग थे, हैं और रहेंगे।” इस बयान से स्पष्ट है कि पाकिस्तान अब भी संप्रभुता के मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहा है।
DGMO स्तर की वार्ता का विस्तार – 18 मई तक शांति की सहमति
भारत-पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच DGMO (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स) वार्ता में 10 मई को संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी, जिसे अब 18 मई तक बढ़ा दिया गया (Shehbaz Sharif India Talks)है। यह एक अहम संकेत है कि पाकिस्तान तनाव घटाने का प्रयास कर रहा है – पर उसकी ईमानदारी पर संदेह बना हुआ है।
कूटनीति या मजबूरी?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली, आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता, और विदेशी कर्ज के दबाव ने उसे बातचीत का दिखावटी रास्ता चुनने को मजबूर किया है।