संपादकीय: नई संभावना की तलाश में शरद पवार
Sharad Pawar in search of new possibilities: महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ भेेंट की थी। उनकी इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारे में कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं। वैसे तो शरद पवार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पहले भी कई बार मिल चुके हैं किन्तु इस बार की उनकी इस मुलाकात को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
दरअसल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शरद पवार की पार्टी को भारी धक्का लगा है। उनकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नाम और पार्टी के चुनाव चिन्ह पर उनके भतीजे अजीत पवार ने पहले ही कब्जा कर रखा है इस विधानसभा चुनाव में शरद पवार गुट के जो गिने चुने विधायक चुनकर आये हैं वे भी पाला बदलने की फिराक में बताये जाते हैं।
ऐसे में शरद पवार नई संभावना तलाश रहे हैं। उन्होंने तो चुनावी राजनीति से पहले ही सन्यास लेने की घोषण कर दी है लेकिन अब वे अपनी बेटी सुप्रिया सुले के भविष्य की चिंता कर रहें हैं जो लोकसभा सदस्य हैं। यही वजह है कि शरद पवार प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी बेटी के लिए केन्द्र में सम्मानजनक स्थान के लिए प्रयास कर रहे हैं।
उन्हें पता है कि अब महाराष्ट्र में पांच साल तक उनकी पार्टी के लिए कोई संभावना नहीं है और केन्द्र में भी भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार अपने पांच साल का कार्यकाल जरूर पूरा करेगी। ऐसी स्थिति में महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी का कोई भविष्य नहीं है।
जिसमें पहले ही उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के बीच टकरार होने लगी है इन सभी चीजों को देखते हुए यदि शरद पवार नई संभावना तलाश रहें हैं तो इसमेें कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
अब देखना होगा कि शरद पवार को इसमें कितनी सफलता मिलती है। इधर उद्धव ठाकरे ने भी महाविकास अघाड़ी का हश्र देखते हुए अपनी खिचड़ी अलग पकाने की कवायद शुरू कर दी है। उन्होंने भी अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मुलाकात की है इस भेंट को लेकर भी महाराष्ट्र में तरह तरह के कयास लगाये जा रहे हैं।