RRS प्रमुख मोहन भागवत आलोचना के नहीं दया के पात्र-शंकराचार्य निश्चलानंद

RRS प्रमुख मोहन भागवत आलोचना के नहीं दया के पात्र-शंकराचार्य निश्चलानंद

रायपुर। Shankaracharya Nischalanand Maharaj शंकराचार्य निश्चलानंद महाराज ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को लेकर बड़ा बयान दिया है। मंदिर-मस्जिद विवाद को पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि स्वयं सेवक बनते-बनते सर्व संचालक बन जाते हैं। इन्हें 12 महीने बोलना है, इसलिए कुछ भी बोल देते हैं, बाद में लज्जित होते हैं और कह देते हैं कि हमारे बयानों की आलोचना करने का सबको अधिकार है। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत में हिन्दू का चिन्ह न ढूंढें, ये आलोचना के नहीं, दया के पात्र हैं।

उन्होंने कहा कि पहले मोहन भागवत कहते थे कि 3 बच्चे पैदा करो। अब कहते हैं हम दो हमारे 2। शेर संख्या में भले ही कम हो, लेकिन शेर ही होता है. बिना परिवार नियोजन और गर्भपात के जनसंख्या नियंत्रित रहे. जब तक हिंदू सुरक्षित हैं, तब तक अन्य कौम भी सुरक्षित हैं।

शंकराचार्य निश्चलानंद महाराज ने आगे कहा कि यह संघ की लाचारी है, उन्हें गुरु गोविंद पीठ ग्रंथ का बल नहीं है. आरएसएस अगर एक भी ग्रंथ अपना लेता तो उसे ग्रंथ बल मिल जाता। उन्होंने आगे कहा कि हिंदू हैं, तभी तक सारी कौम सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि अगर हिंदू नहीं रहेंगे, तो इन्हें मार-काट कर भगा दिया जाएगा. हिन्दू जब तक पेट और परिवार में ही सीमित रहेगा उनकी दुर्दशा होगी. सेवा ,सम्मान और संघ का बल होना है जरूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *