shankaracharya hospital में सभी रोगों का उपचार जारी; हृदय, मस्तिष्क कैंसर…
पुराना अस्पताल कोरोना के लिए अपडेट, नए में ओपीडी व अन्य सभी रोगों का उपचार
भिलाई/नवप्रदेश। श्री शंकराचार्य ( shankaracharya hospital) इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस अस्पताल परिसर में जहां 350 बिस्तर वाले पुराने अस्पताल को शासन के निर्देश पर कोरोना अस्पताल के लिए सुरक्षित कर दिया गया है।
वही परिसर के भीतर 750 बिस्तर वाले नए अस्पताल में ओ.पी.डी. के साथ अन्य सभी रोगों का उपचार (treatment of all disease) सुविधा के साथ हो रहा है। इससे यह स्पष्ट है कि जुनवानी स्थित श्री शंकराचार्य ( shankaracharya hospital) अस्पताल कोरोना अस्पताल के लिए दे दिए जाने की खबर एक भ्रम है। अस्पताल में अन्य कई रोग से पीड़ित मरीजों के उपचार (treatment of all disease) के साथ ही सर्जरी, डिलीवरी सहित हृदय व मस्तिष्क के ऑपरेशन की सुविधा है।
सोशल डिस्टंसिंग पर पूरा ध्यान
मौजूदा परिस्थितियों में कोरोना संक्रमण के चलते अस्पताल में सोशल डिस्टेसिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।पुराना अस्पताल कोरोना के लिए अधिग्रहित वर्तमान स्थिति में कोरोना के संक्रमण को देखते हुए भविष्य की परिस्थिति से निपटने शासन ने दो सौ बिस्तर वाले अस्पताल को अधिग्रहित किया है। शंकराचार्य हास्पिटल प्रबंधन ने 350 बिस्तर वाले पुराने अस्पताल में 200 बिस्तर के अस्पताल को कोरोना प्रभावितों के लिए तैयार कर दिया है। इस अस्पताल को नए अस्पताल से पूरी तरह से अलग रखा गया है और वहां सामान्य लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है।
द्वारा क्रमांक 2 को बनाया कोरोना अस्पताल का प्रवेश द्वार
शंकराचार्य (shankaracharya hosptial) हास्पिटल से पहले द्वार क्रमांक 02 को कोरोना अस्पताल का प्रवेश द्वार बनाया गया है इसके लिए डाक्टरों व मेडिकल स्टॉफ की अलग टीम बनाई गई है जो भविष्य में शासन के निर्देश पर कार्य करेगी।
नए अस्पताल में ओपीडी के साथ ऑपरेशन की सुविधा
श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संकल्प द्विवेदी ने बताया कि पुराने अस्पताल में 200 बिस्तर को कोरोना के उपचार के लिए पूरी तरह से अपडेट कर दिया गया है। यह अस्पताल परिसर में पूरी तरह से अलग है। वहां आने जाने की व्यवस्था भी अलग से बनाई गई है। वही 750 बिस्तर वाले नए अस्पताल में प्रतिदिन सुबह 9 बजे से अपरान्ह 4 बजे तक अन्य सभी रोगों के उपचार के लिए ओ.पी.डी. सुविधा जारी है। हृदय संबंधी रोग व अन्य सभी उपचार के लिए 24 घंटे डाक्टरो की टीम अस्पताल में मौजूद है। डिलवरी न्यूरो अन्य सर्जरी व कैंसर के रोगों का भी अस्पताल में कुशलता से इलाज हो रहा है।
सीटी स्कैन, एमआरआई समेत सभी सुविधाएं
अस्पताल के भीतर सी.टी. स्कैन एम.आर.आई. सहित सभी जांच की सुविधा उपलब्ध है। डॉ. द्विवेदी ने आगे बताया कि शंकराचार्य अस्पताल में कोरोना से प्रभावित का उपचार नही किया जा रहा है। इससे प्रभावितो को जिला अस्पताल या रायपुर एम्स में भेजे जाने का निर्देश शासन से मिला है लेकिन कोरोना संक्रमण के हालात को देखते हुए अस्पताल में सोशल डिस्टेसिंग का पालन विशेष रुप से किया जा रहा है। अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले अन्य मरीजो के उपचार में पूरी सावधानी बरती जा रही है और हृदय रोग के ऑपरेशन के साथ अन्य आपात सर्जरी की जा रही है। अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक कुशलता से उपचार कर रहे है। यह सुपर स्पेशलिटी अस्पताल मरीजों को बेहतर उपचार दिलाने प्रतिबद्ध है।स
संक्रमण से फैलता है कोरोना : डॉ. द्विवेदी
श्री शंकराचार्य (shankaracharya hospital) इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संकल्प द्विवेदी ने नवप्रदेश को बताया कि कोरोना एक आर.एन.ए. वायरस है। इसका संक्रमण तेजी से फैलता है। इससे लड़ने में सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना बेहद आवश्यक है। इस वायरस से ज्यादातर ऐसे लोग प्रभावित होते हैं, जिनका इम्युनिटी पाॅवर कमजोर होता है। इसके साथ- साथ जो कैंसर डायबिटिज व हृदय रोग से ग्रसित है उन पर इसका खसरा अधिक होता है।
60 से ज्यादा उम्र के लोगों को सावधान रहने की जरूरत
उन्होंने कहा कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक अवस्था में जब सर्दी खासी व बुखार की स्थिति बने तब इसका उपचार हो जाता है। लेकिन जब इसका असर फेफड़े तक पहुंचता है तब खतरे की स्थिति बन जाती है। फेफड़े में संक्रमण से श्वास की नली में परत जम जाती है जिससे मरीज को श्वास लेने में तकलीफ होती है और मृत्यु भी हो जाती है। इसके लिए मास्क पहनने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग जरुरी है। उन्होंने कहा कि यदि प्रारंभिक अवस्था में खांसी, सर्दी बुखार की स्थिति बने तब तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।