शाह की हुंकार, हम पाकिस्तान से नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोगों से बात करेंगे
Amit Shah : फारूक और महबूबा पर गृह मंत्री का हमला
श्रीनगर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सोमवार को कहा कि शांति के लिए वह पाकिस्तान के नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोगों से बात करेंगे। श्रीनगर में डल झील के किनारे शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में एक युवा रैली को संबोधित करते हुए, अमित शाह ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला पर तीखा हमला बोला।
शाह ने कहा, “डॉ. फारूक साहब ने सुझाव दिया है कि हमें पाकिस्तान से बात करनी चाहिए। मैं स्पष्ट कर दूं, अगर हम बात करेंगे तो हम जम्मू-कश्मीर के लोगों और उसके युवाओं से ही बात करेंगे, किसी और से नहीं।”
उन्होंने कहा कि किसी को भी घाटी के विकास और शांति यात्रा में बाधा डालने की इजाजत नहीं दी जाएगी। “डॉ. फारूक और महबूबा वह करने में नाकाम क्यों रहे जो बीजेपी ने सिर्फ दो साल में किया। उन्होंने कहा, “मुझसे अक्सर कुछ लोग पूछते हैं कि कश्मीर में कर्फ्यू क्यों लगाया गया और इंटरनेट क्यों बंद कर दिया गया। आज मैं जवाब दूंगा।”
“यह हमारे युवाओं के जीवन की रक्षा और बचाने के लिए किया गया था। हम नहीं चाहते थे कि निहित स्वार्थ और शांति विरोधी तत्व स्थिति का फायदा उठाएं और हमारे युवाओं को गोलियों का सामना करने के लिए सड़कों पर धकेलें।” उन्होंने कहा कि यह कदम कश्मीरी युवाओं की जान बचाने के लिए उठाया गया।उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अब तक सुरक्षा बलों के जवानों, आतंकवादियों और नागरिकों सहित 40,000 लोग हिंसा में मारे गए हैं। उन्होंने कहा, “यह इस रक्तपात से बाहर आने और शांति, विकास और समृद्धि की एक नई यात्रा की ओर बढ़ने का समय है। मैं वादा करता हूं कि जम्मू-कश्मीर को 2024 तक वह मिलेगा जिसके वह हकदार हैं।”
नेकां और पीडीपी पर निशाना साधते हुए शाह (Amit Shah) ने कहा कि इन दोनों दलों के नेताओं ने कभी भी नागरिकों की हत्या करने वालों की निंदा नहीं की। उन्होंने कहा, “समय चला गया है जब आतंकवादी स्थिति का फायदा उठाएंगे। किसी को भी नागरिकों को मारने की अनुमति नहीं दी जाएगी और हम आपको आश्वासन देते हैं कि जम्मू-कश्मीर में शांति बनी रहेगी।”
शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद अफवाह फैलाई जा रही थी कि लोगों की जमीन और नौकरियां छीन ली जाएंगी। उन्होंने कहा, “मुझे किसी ऐसे गाँव का उदाहरण दीजिए जहाँ किसी ग्रामीण की जमीन छीनी गई हो।” शाह ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व में, 20,000 नौकरियां प्रदान की गई हैं और 6,000 और आने वाली हैं।”
हालांकि, उन्होंने (Amit Shah) कहा कि पिछली सरकारों के विपरीत, विशेष रूप से 70 वर्षों तक शासन करने वाले दो परिवारों के विपरीत, अब केवल उन्हीं को नौकरी दी जाएगी, जो इसके लायक हैं। उन्होंने कहा, “वह समय समाप्त हो गया है, जब जम्मू-कश्मीर के लोगों को नौकरियों के लिए पैसा देना होता था। भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार खत्म हो गया है।” शाह ने कहा कि नेकां और पीडीपी को जवाब देना चाहिए कि युवाओं को उनके शासन में सरपंच और पंच बनने से क्यों वंचित रखा गया। उन्होंने कहा, “एक मुख्यमंत्री थे, जो लोगों को कष्ट में छोड़ देते थे और हर साल छह महीने लंदन में बिताते थे।” गृह मंत्री ने आगे कहा, “अब हमारे पास युवा सरपंच, पंच और अन्य प्रतिनिधि हैं, जो सांसद, विधायक और मुख्यमंत्री भी बन सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर को मेडिकल कॉलेज, एम्स, आईआईटी और अन्य संस्थान दिए गए। शाह ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में हमारे 30,000 पंचायत प्रतिनिधि हैं। शायद ही कोई घर हो जहां रसोई गैस कनेक्शन न हो।”
शाह ने कहा, “55 हजार लोगों को घर देने की शुरुआत मोदी जी ने की है, जिनमें से 20 हजार से ज्यादा लोगों को जम्मू-कश्मीर में घर मिल भी चुके हैं। मैं आपसे वादा करता हूं कि दिसंबर 2022 से पहले कोई बेघर नहीं रहेगा और सबके पास अपना घर होगा। मोदी जी ने कश्मीर के हर घर में शौचालय पहुंचाने का काम पूरा कर दिया है, साथ ही हर घर में नल से पीने का शुद्ध पानी पहुंचाने का काम भी शुरू हो गया है। घाटी के दो जिलों में नल से पानी पहुंचाने का काम पूरा हो चुका है और इस साल दिसंबर तक 11 अन्य जिलों में यह काम संपन्न हो जाएगा।”
गृह मंत्री ने कहा, “दिसंबर 2022 तक कश्मीर के हर घर में नल से जल पहुंचाने का काम पूरा हो जाएगा। बार बार सवाल पूछने वालों से मैं यह जानना चाहता हूं कि उन्होंने गैस, शौचालय, घर, बिजली और हर घर में नल से पीने का पानी क्यों नहीं दिया।”
उन्होंने कहा, “सभी के लिए नल का पानी उपलब्ध है। हर गरीब परिवार को बिजली उपलब्ध है और पूरे कश्मीर में 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर उपलब्ध है। डॉ. फारूक और महबूबा 70 वर्षों में ऐसा क्यों नहीं कर सके।”
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद कम हो रहा है और बंदूकों को कलम से बदलने की कोशिशें रंग ला रही हैं।
गृह मंत्री (Amit Shah) ने कहा कि 40 हजार लोग मारे गए और ये लोग हमेशा पाकिस्तान से बात करो, हुर्रियत से बात करो कहते रहे, क्या नतीजा हुआ। उन्होंने घाटी का पर्यटन समाप्त कर दिया था। मार्च 2020 से मार्च 2021 तक जम्मू कश्मीर में देश-विदेश के 1,31,000 पर्यटक आए, जो आजादी के बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा है। जो शांति में खलल पहुंचाते थे उनका मकसद है कि यहां उद्योग ना लगें, युवा बेरोजगार रहे और बेरोजगार होकर उनके बताए रास्ते पर हाथ में पत्थर उठाता रहे। लेकिन हम चाहते हैं कि युवा हाथ में पत्थर नहीं पुस्तक और कलम उठाए, हथियार नहीं कल पुर्जे जोड़ने के साधन उठाए और अपने जीवन को संवारें।”
उन्होंने कहा, “आज हम कश्मीर के अन्य जिलों के अलावा पुलवामा जिले के आतंकवाद प्रभावित इलाकों में भी बंदूकों को कलम से बदलने में सफल रहे हैं।”