Secular Nation : धार्मिक भावनाओं पर आघात आखिर क्यों?
Secular Nation : भारत क्यों धर्मनिर्पेक्ष राष्ट्र है हिन्दु बाहुल्य देश होने के बावजूद यहां सभी धर्मो का समान रूप से सम्मान किया जाता है। हिन्दु मुस्लिम सिक्ख ईसाई सब है भाई-भाई का नारा विविधता में एकता का परिचायक है और सभी को इस पर गर्व है। इसके बावजूद वोट बैंक की राजनीति के चलते और तुष्टिकरण की नीति के कारण अकसर बहुसंख्य हिन्दुओं को धार्मिक भावनाओं को ठेंस पहुंचाने की कुतसित कोशिश की जाती रही है। समझ में नहीं आता कि आखिर कब तक हमारी धार्मिक भावनाओं पर आघात किया जाता रहेगा। हिन्दी फिल्मों में तो हिन्दु धर्म और संस्कृति का मजाक उड़ाना आम बात हो गई है और जब यह बर्दाश्त से बाहर हो गया तो सोशल मीडिया पर बॉयकाट बॉलीवुड अभियान ने जोर पकड़ लिया तक कहीं जाकर बॉलीवुड घुटनों पर आया है। हालांकि अभी भी बॉलीवुड का विरोध जारी है।
बॉलीवुड के भांडो के तरह की कुछ राजनीतिक पार्टियों (Secular Nation) के नेता भी हमारी धार्मिक भवनाओं को ठेंस पहुंचाने वाले आपत्तिजनक बयान देते रहे है। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने ऐसा ही एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होने कहा है कि रामायण नफरत फैलाती है। उन्होने मनुस्मृति की भी आलोचना की है। आरजेडी के एक और नेता ने भी हमारे धर्म का मजाक उड़ाया था और उन्होने यह बयान दिया था कि अयोध्या में राम मंदिर नफरत की जमीन पर बना है। बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान से स्पष्ट है कि उन्होने या तो रामायण पढ़ी ही नहीं है या फिर रामायण को समझा ही नहीं है।
झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित सम्मेद शिखरजी को लेकर विवाद गहरा गया है. जैन समाज के लोग सम्मेद शिखरजी के एक हिस्से को वन्य जीव अभ्यारण्य घोषित किए जाने और गैर धार्मिक गतिविधियों के लिए सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं. जैन समाज के लोग सम्मेद शिखरजी को अपना पवित्र तीर्थ स्थल बताते हुए इसे बचाने, इसे संरक्षित करने की मांग करते हुए विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के फैसले का विरोध कर रहे लोग इसे अपनी धार्मिक आस्था पर आघात बता रहे हैं।
जैन धर्म के लोगों का कहना है कि इससे पवित्र स्थल पर लोग आध्यात्मिक नहीं, मौज-मस्ती के मनोभाव से जाएंगे. अन्यथा वे हिन्दुओं के पवित्र धार्मिक ग्रंथ रामायण के बारे में ऐसा बयान हरगिज नहीं देते। उन्हे तत्काल इसके लिए माफी मांगनी चाहिए लेकिन वे अभी भी अपने बयान पर कायम रहने की बात कर रहे है। जिस राज्य का शिक्षा मंत्री रामायण के बारे में ऐसी घृणित सोच रखता हो उस राज्य में शिक्षा का तो भगवान ही मालिक है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को चाहिए कि वे शिक्षा मंत्री चंंद्रशेखर को तत्काल मंत्री पद से बर्खास्त करें और उनके खिलाफ हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने के आरोप में उचित कानूनी कार्यवाही करें ताकि भविष्य में फिर कोई सिरफिरा नेता हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ (Secular Nation) करने का दु:साहस न कर पाएं।