Scotch Award : ‘अंगना म शिक्षा’ कार्यक्रम को मिला स्कॉच अवार्ड
रायपुर/नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ में कोविड लॉकडाउन के दौरान महिला शिक्षिकाओं की पहल पर प्रारंभ किए गए ‘अंगना म शिक्षा’ कार्यक्रम को किसी स्वतंत्र संगठन द्वारा दिया जाने वाला भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान स्कॉच अवार्ड से नवाजा गया (Scotch Award) है। इस अवार्ड के माध्यम से उन परियोजनाओं को सम्मानित किया जाता है, जो देश को बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए प्रयास करते (Scotch Award) हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग को वर्ष 2022 के स्कॉच अवार्ड मिलने पर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने स्कूल शिक्षा विभाग एवं इस परियोजना से जुड़ी महिला शिक्षिकाओं एवं माताओं और सभी संबंधितों को बधाई दी (Scotch Award) है।
उन्होंने कोरोनाकाल में माताओं द्वारा अपने बच्चों की पढ़ाई पर घर में ध्यान देने की शुरुआत को आगे भी जारी रखते हुए सभी माताओं से अपील की है कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजें और उनकी पढ़ाई पर ध्यान देते हुए घर पर भी पढऩे हेतु प्रेरित करते रहें।
‘अंगना म शिक्षा’ को छत्तीसगढ़ के गाँव-गाँव में पहुंचाए जाने हेतु कार्यक्रम डिजाइन कर क्रियान्वयन के लिए महिला शिक्षिकाओं की एक कोर टीम का गठन किया गया है, जिसमें सभी पांच संभाग से प्रतिनिधित्व किया गया (Scotch Award) है। यह शिक्षिकाएं विगत तीन वर्षों से इस कार्यक्रम की डिजाइन कर इसमें निरंतर सुधार लाने का प्रयास कर रही हैं। प्रत्येक गाँव में सबसे पहले ‘अंगना म शिक्षा’ मेले का आयोजन किया जाता (Scotch Award) है।
इसमें स्थानीय शिक्षिकाएं समुदाय, आँगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं बड़ी कक्षाओं की बालिकाओं को शामिल किया जाता हैं। मेले में अलग-अलग काउंटर होते हैं, जिसमें माताएं अपने बच्चों का आकलन करवाते हुए घर पर सीखने-सिखाने की प्रक्रिया पर समझ बनाती हैं। मुख्य रूप से टेढ़े-मेढे लाईन पर चलना, चित्रों में रंग भरना, कागज से फोल्ड कर विभिन्न आकृतियाँ बनाना, वस्तुओं का वर्गीकरण करना एवं उन्हें क्रम से जमाना, कहानी सुनाना, चित्र देखकर उसका वर्णन करना, गिनती, मौखिक जोड़-घटाना जैसी गतिविधियों का आयोजन करवाया जाता है।
मेले से सीखकर एवं शिक्षिकाओं द्वारा समय-समय पर उन्मुखीकरण करने से माताएं बच्चों को घर पर सीखने में सहयोग देना प्रारंभ कर देती हैं। इस कार्यक्रम में बेहतर और सक्रिय होकर कार्य कर रही माताओं को गाँव में पहचान दिलाने एवं उन्हें अन्य माताओं को इस कार्यक्रम से जोडऩे हेतु ‘स्मार्ट माताÓ का खिताब देकर सम्मानित भी किया जाता (Scotch Award) है।
स्मार्ट माताओं से यह अपेक्षा भी की जाती है कि वे अन्य माताओं को सक्रिय करते हुए स्कूल एवं आंगनबाड़ी में भी जाकर बच्चों की पढ़ाई में सुधार की दिशा में पहल करे। बच्चों को स्कूल में नए सत्र में प्रवेश के लिए जाते समय माताएं अपने साथ एक सपोर्ट कार्ड भी लाकर जाती हैं, जिसमें वे बच्चों के दक्षता की वर्तमान स्थिति का आकलन कर स्वयं हस्ताक्षर कर यह सूचित करती है कि उन्होंने अपने बच्चों को इन दक्षताओं को हासिल करवा लिया है,
अब इसके आगे सिखाने में सहयोग दे। आगामी सत्र में प्रवेश के पूर्व सभी गावों में इस कार्यक्रम के अंतर्गत अगले चरण हेतु प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के साथ मिलकर महिला शिक्षिकाओं द्वारा तय किए जा रहे हैं। इस वर्ष ‘अंगना म शिक्षा’ दिवस एवं माताओं का अपने बच्चों के साथ सेल्फ ी लेने का भी प्रस्ताव है।