Scion of bison : संकटकाल से गुजर रहे राजकीय पशु वनभैसों का वंशज बढाने की तैयारी शुरू

Scion of bison : संकटकाल से गुजर रहे राजकीय पशु वनभैसों का वंशज बढाने की तैयारी शुरू

Scion of bison: Preparations started to increase the progeny of state animal bison passing through crisis

Scion of bison

गरियाबंद/नवप्रदेश/जीवनएससाहू। Scion of bison : छत्तीसगढ प्रदेश के राजकीय पशु वनभैंसो के लिए पुरे प्रदेश व देश में विख्यात उदंती अभ्यारण्य में संकट के बादल मंडरा रहे है, कारण उदंती अभ्यारण्य में मात्र 07 नर वनभैंसा ही है और इनके वंश वृध्दि के लिए एक भी मादा वनभैसा नही है। लगभग दो वर्ष पूर्व आशा नामक मादा वनभैंसा के मौत के बाद वनभैसों के वंश वृध्दि पर पुरी तरह रोक लग गई है।

4 मादा वनभैंसा बारनवापारा में किए क्वारंटाइन

15 अप्रैल को 1700 किमी दूर असम के मानस टाइगर रिजर्व से लेकर आए 4 मादा वन भैंसा बारनवापारा में क्वारंटाइन किए गए है। ब्रीडिंग प्लान पर सीसीएमबी की मुहर लगते ही उदंती अभ्यारण्य में शिफ्ट किए जाएंगे, क्योंकि यहां 7 नर वन भैंसा मौजूद है पर मादा एक भी नहीं है। छत्तीसगढ़ राजकीय पशु दर्जा प्राप्त वन भैंसे की वंश वृध्दि को अब गति मिलना शुरू हो गया है। सरकार ने 2020 में ही असम के मानस टाईगर रिजर्व में मौजूद वन भैंसा को छत्तीसगढ़ लाने का निर्णय लिया था।

नस्ल का मिलान देहरादून स्थित राष्ट्रीय वन्य जीव अनुसंधान से कराया गया था। 15 अप्रैल को मानस अभ्यारण्य से 1700 किमी दूरी तय कर 4 मादा वन भैंसा लाया गया। 2020 में पहली खेप में एक नर व एक मादा लाया जा चुका था। असम से लाए गए सभी 6 वन भैंसे बार नवापारा अभ्यारण्य में रखे गए हैं।

बारनवापारा से मादा वन भैंसा को लाने उदंती अभ्यारण्य लाने की तैयारी किया जा रहा है और आज वन विभाग के मुख्य वनसंरक्षक सुधीर अग्रवाल वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के साथ उदंती अभ्यारण्य में वनभैंसा संरक्षण केन्द्र का निरीक्षण किया। यहा उपलब्ध सुविधाओं के सबंध में जानकारी लिया। अफसरों के साथ ब्रिडिंग प्लान पर चर्चा भी किया। मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिनो में दो मादा वनभैसा उदंती अभ्यारण्य लाने की तैयारी है, जिससे उदंती अभ्यारण्य में राजकीय पशु वनभैसों की कुनबा में वृध्दि हो सके।

उदंती अभ्यारण्य में शुध्द नस्ल के मात्र 07 नर वनभैंसा

उदंती अभ्यारण्य मे वर्तमान में मात्र 07 नर वन भैंसा ही बचे है और एक भी मादा वन भैसा नही है जिससे इसकी संख्या बढ़ने की उम्मीद पर विराम लग गया है बताया जाता है उदंती अभ्यारण्य मे छोटू, मोहन, वीरा, सोमू, हीरा, राजा और प्रिस  नामक वन भैसा शुद्ध नस्ल के है जिसमे से पांच वन भैसा को दक्षिण उदंती अभ्यारण्य के कक्ष क्रंमाक 82 में संरक्षण संवर्धन केन्द्र लगभग 30 हेक्टयर जंगल को चारो तरफ तार के बडे बडे बाडे से घेरकर बनाया गया है।

इस रेस्क्यू सेंटर मे रखा गया है और एक वन भैसा राजा खुले जंगल मे विचरण कर रहा है। एक और वन भैंसा छोटू के आंख मे इन्फेक्शन के चलते उसके एक आंख पूरी तरह खराब हो गई है जिसका विभाग द्वारा उच्च स्तरीय ईलाज किया जा रहा है। उदंती अभ्यारण्य में मादा वनभैंसा आशा की 2020 में एंव  अंतिम मादा भैंसा खुशी की 2021 में मौत के बाद वंश वृध्दि की सारी उम्मीद टुट गई।

वनभैंसों का विस्थापन करने का इतिहास छत्तीसगढ में रचा गया

वन्य प्राणी चिकित्सक डॉक्टर राकेश वर्मा एंव डब्लू टी.आई नई दिल्ली के डाॅक्टर आर.पी मिश्रा ने बताया, वन भैंसों को इतना लम्बा विस्थापन करने का इतिहास छत्तीसगढ़ में रचा गया है. असम के जंगलों से लाकर उसे स्थानीय वातावरण में मिलने के लिए बार नवापारा में दस हेक्टेयर पर एक क्रोल तैयार किया गया है. स्थानीय माहौल में ढल सके उन मापदंडों के आधार पर रहवास तैयार किया गया है. पहले लाए गए नर मादा तीन सौ किलो के थे, अब बढ़कर आठ सौ तक के हो गए हैं. जल्द ही नए चार मेहमान भी स्थानीय माहौल में ढल जाएंगे।

वन विभाग के उपनिदेशक ने बताया

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक वरूण जैन ने चर्चा में बताया कि राजकीय पशु का कुनबा बढ़ाने ब्रीडिंग प्लान तैयार है. प्लान के तहत जल्द ही उदंती अभ्यारण्य के जंगलों में पहले की भांति वन भैंसों को स्वच्छंद रूप से विचरण करते देख सकते हैं. प्लान के तहत नर व मादा के मेटिंग अवधि, स्थान के अलावा अभ्यारण्य में मौजूद मूल नस्ल के भैंस के कोशिकाओं से आर्टिफिशियल रिप्रोडयूसिंग का प्लान तैयार है।

उन्होंने आगामी 20 अप्रैल को सीसीएमबी यानी कोशकीय एंव आड़विक जीव विज्ञान केंद्र की टीम से अंतिम सहमति मिलने के बाद प्रक्रिया शुरू करने की बात कही. प्लानिंग के मुताबिक जल्द ही बार नवापारा में मौजूद मादाओं को उदंती अभ्यारण्य में शिफ्ट किया जाएगा, श्री जैन ने बताया कि उदंती अभ्यारण्य के संवर्धन केन्द्र बाडे में रखे गये वनभैसो को खुले जंगल में विचरण करने जल्द छोडने का प्लान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *