School Open : छत्तीसगढ़ में खुल सकते हैं स्कूल, भूपेश कैबिनेट में लिया जाएगा फैसला
अधिकांश माता-पिता हैं सहमत
रायपुर/नवप्रदेश। School Open : छत्तीसगढ़ में तकरीबन डेढ़ साल से सभी स्कूल कॉलेज बंद हैं। जिससे पढाई पर अच्छा ख़ासा असर भी पड़ा रहा है। लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार त्वरित निर्णय लेने में पीछे हट रही है।
अब राज्य सरकार बच्चों के हितों को ध्यान में रखते हुए स्कूल खोलने (School Open) पर विचार कर रही है। मंगलवार को भूपेश कैबिनेट की बैठक है,जिसमे छत्तीसगढ़ में स्कूलों को खोलने पर फैसला लिया जा सकता है।
भूपेश कैबिनेट की बैठक 18 मई को हुई थी। उसके बाद अब 20 जुलाई, मंगलवार को सीएम हाउस में बैठक होने वाली है। काफी दिनों बाद हो रही इस बैठक में कई अहम फैसले लिये जाने हैं। सबसे ज्यादा फोकस स्कूलों को खोलने और आगामी विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर लिया जायेगा।
कयास ये लगाए जा रहे हैं कि हाई स्कूल यानी 9वीं से 11वीं तक की कक्षाएं पहले खुल (School Open) सकती हैं। उसके बाद मिडिल स्कूल पर विचार किया जायेगा। हालाकि छत्तीसगढ़ में माध्यमिक शिक्षा मंडल ने पहले ही 10वीं और 12वीं पाठ्यक्रम में कटौती करने का ऐलान कर दिया गया है। जिसमे शैक्षणिक सत्र 2021-22 के पाठ्यक्रम में मुख्य विषयों में 30 से 40 प्रतिशत तक कटौती की गई है।
22 जिलों में हुआ सर्वे
छत्तीसगढ़ छोड़कर अधिकांश राज्यों में स्कूलों को खोलने (School Open) का निर्णय ले लिया गया है। बीते दिनों छत्तीसगढ़ में भी स्कूल को खोलने के लिए प्रदेश के 22 जिलों में सर्वे करवाया गया है। जिसमे प्रदेश के 4 हजार पालकों और अभिभावकों का मत हाई स्कूल खोलने को लेकर स्पष्ट है। वहीँ 6 वीं से 8 वीं और छोटे थोड़ी संशय की स्थिति दिखाई दे रही है। निचली क्लास के बच्चों के माता-पिता कोरोना संक्रमण के डर अपने बच्चों को स्कूल भेजना नहीं चाहते है। लिहाजा इस वर्ग के पैरेंट्स इस वक्त भी छोटी क्लास के लिए स्कूल खुले नहीं चाहते। ऑनलाइन क्लास में भी कई दिक्कतों का सामना छोटे बच्चों को करना पड़ता है। इससे पढाई पर भी असर पड़ रहा है। सभी जिलों में करवाए गए सर्वे रिपोर्ट को मंगलवार को कैबिनेट में स्कूल शिक्षा मंत्री रखेंगे,जिस पर निर्णय लिए जाने की बात कही जा रही है।
सीबीएसई ने बनाया फार्मूला
कोरोना संकट को देखते हुए सीबीएसई ने साल 2021-22 सत्र की 10वीं और 12वीं की बोर्ड की परीक्षाओं के लिए नई व्यवस्था की है। इसके तहत सत्र को दो भागों में बांटा जाएगा, जिसमें 50-50 प्रतिशत सिलेबस होगा। पहले हिस्से की परीक्षा नवंबर-दिसंबर में कराई जाएगी, जबकि दूसरे टर्म की परीक्षा मार्च-अप्रैल में होगी। इससे पहले बोर्ड ने इस साल होने वाली 10वीं-12वीं की परीक्षा भी कोरोना के चलते रद्द कर दी थी।