Same-Sex Marriage: 34 देशों में समलैंगिक विवाह को मान्यता; इन देशों में है मौत की सज़ा का प्रावधान

Same-Sex Marriage: 34 देशों में समलैंगिक विवाह को मान्यता; इन देशों में है मौत की सज़ा का प्रावधान

Same-Sex Marriage: Recognition of gay marriage in 34 countries; There is a provision for death penalty in these countries

Same-sex marriage

-2018 में, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने का फैसला किया
-34 देशों में समलैंगिक विवाह को मान्यता, 22 देशों में वैध, पाकिस्तान-अफगानिस्तान में मौत की सजा

नई दिल्ली। Same-Sex Marriage: पुरुषों और महिलाओं के बीच समलैंगिक विवाह को मान्यता दी जाए या नहीं इस पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाया है। दुनिया के 34 देशों में समलैंगिक विवाह को मान्यता दी गई है। उनमें से 10 में अदालतों के माध्यम से यह फैसला आया है। ऐसे 23 देश हैं जहां समलैंगिक विवाह वैध है।

2018 में, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने का फैसला किया। हालाँकि, समान-लिंग वाले व्यक्ति अभी भी कानूनी रूप से विवाह का दावा नहीं कर सकते हैं। दरअसल, आईपीसी की धारा 377 के तहत समलैंगिक संबंधों को अपराध माना गया था। वहीं, अगर दुनिया पर नजर डालें तो 33 देश ऐसे हैं जहां समलैंगिक विवाह को मान्यता प्राप्त है। इनमें से लगभग 10 देशों की अदालतों ने समलैंगिक विवाह को मान्यता दी है। इसके अलावा 22 देश ऐसे हैं जहां कानून बनाए और पारित किए गए हैं। दक्षिण अफ्रीका और ताइवान ने अदालत के आदेश से इसे वैध कर दिया है।

दुनिया के 34 देश जो समलैंगिक विवाह को मान्यता देते हैं उनमें क्यूबा, अंडोरा, स्लोवेनिया, चिली, स्विट्जरलैंड, कोस्टा रिका, ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया, ताइवान, इक्वाडोर, बेल्जियम, ब्रिटेन, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आइसलैंड, आयरलैंड शामिल हैं।लक्ज़मबर्ग, माल्टा, नॉर्वे, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, मैक्सिको, दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त राज्य अमेरिका, कोलंबिया, ब्राजील, अर्जेंटीना, कनाडा, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड और उरुग्वे। इन देशों में दुनिया की 17 फीसदी आबादी रहती है। तीन देशों, अंडोरा, क्यूबा और स्लोवेनिया ने पिछले साल ही इसे वैध कर दिया है।

पाकिस्तान, अफगानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, मॉरिटानिया, ईरान, सोमालिया और उत्तरी नाइजीरिया के कुछ हिस्से समलैंगिक विवाह को लेकर बहुत सख्त हैं। शरिया अदालतों में मौत की सज़ा तक का प्रावधान है। अफ्रीकी देश युगांडा में समलैंगिकता के लिए आजीवन कारावास और यहां तक कि मौत की सजा भी है। 30 अन्य अफ्रीकी देश भी समलैंगिक संबंधों पर प्रतिबंध लगाते हैं। ऐसे 71 देश हैं जहां कारावास का प्रावधान है।

भारत में 53 प्रतिशत लोग समर्थन करते हैं?

सर्वे में भारत के लोगों के समर्थन का भी दावा किया गया है। प्यू रिसर्च सेंटर के ‘स्प्रिंग 2023 ग्लोबल एटीट्यूड सर्वेÓ में पाया गया कि सर्वेक्षण में शामिल लगभग 53 प्रतिशत भारतीय समलैंगिक विवाह को वैध बनाने के पक्ष में थे। भारत में इन लोगों का कहना है कि भारत समलैंगिक जोड़ों के लिए एक बेहतर जगह बन गया है।

आखऱि मामला क्या है?

पिछले साल 14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय और विभिन्न अन्य अदालतों की याचिकाओं पर केंद्र की राय मांगी थी। 25 नवंबर को 2 अलग-अलग समलैंगिक जोड़ों की याचिका पर केंद्र को नोटिस भेजा गया था। इस साल 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न अदालतों से याचिकाएं अपने पास ट्रांसफर कर लीं।

समलैंगिकों द्वारा दायर की गई इन याचिकाओं में विशेष विवाह अधिनियम, विदेशी विवाह अधिनियम आदि सहित विवाह से संबंधित कई कानूनी प्रावधानों को चुनौती दी गई थी और समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग की गई थी। एलजीबीटीक्यू (लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर और क्वीर) समुदाय को उनके मौलिक अधिकारों के तहत अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार दिया जाना चाहिए। एक याचिका में विशेष विवाह अधिनियम 1954 को लिंग तटस्थ बनाने की मांग की गई। ताकि यौन रुझान के कारण किसी के साथ भेदभाव न हो।

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