Samajwadi Party : आजम खान पर गिरी गाज
Samajwadi Party : समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को हेट स्पीज देना भारी पड़ा गया। कोर्ट द्वारा उन्हे भड़काऊ बयानबाजी के लिए तीन साल की सजा सुनाए जाने दूसरे ही दिन उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी और रामपुर विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव कराने का फैसला ले लिया। हालांकि आजम खान को हेट स्पीच के मामले में जमानत मिल गई है और वे इसके खिलाफ उपरी अदालत में अपील भी करेंगे लेकिन उनकी हेट स्पीट के प्रमाणिक सबूत है इसलिए उनका सजा से बच पाना मुश्किल लगता है।
वैसे भी उनके खिलाफ कई मामले दर्ज है और ऐेसे ही एक मामले (Samajwadi Party) में लंबे समय तक जेल की हवा खाने के बाद वे जमानत पर छूटे है। आजम खान इसके पहले भी लगातार विवादास्पद बयानबाजी करते रहे है लेकिन ऐसे ही एक भड़काऊ बयानबाजी के लिए उन्हे सजा सुनाई गई है। आजम खान पर गाज गिरना उन बयानवीर नेताओं के लिए चेतावनी है जो विवादास्पद और भड़काऊ बयानबाजी करना अपना जन्म सिद्ध अधिकार समझते रहे है।
चुनाव के दौरान विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के बयानवीर नेताओं के बीच बोल वचन करने की होड़ लग जाती है। एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाना तो फिर भी आपराधिक कृत्य की श्रेणी में नहीं आता लेकिन भड़काऊ बयानबाजी करना आपराधित कृत्य ही माना जाता है। हालांकि ऐसे बयानवीर नेताओं को उनकी पार्टी का आलाकमान नसीहद देता है लेकिन इसका उनपर कोई असर नहीं पड़ता। यही वजह है कि वे पार्टी आला कमान की चेतावनी के बाद भी अनाप शनाप बयान देने से बाज नहीं आते। ऐसे बयानवीर नेता हर पार्टी में है। ऐसे लेागों के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही होना चाहिए।
भड़काऊ बयानबाजी करने वाले नेताओं की विधानसभा या संसद की सदस्यता रद्द कर देना ही काफी नहीं है बल्कि होना तो यह चाहिए कि उनके आजीवन चुनाव लडऩे पर ही प्रतिबंध लगा दिया जाए। जब तक ऐसी कड़ी कार्यवाही का प्रावधान नहीं किया जाएगा तब तक ऐसे बड़बोले नेता विवादास्पद और भड़़काऊ बयानबाजी से तौबा नहीं करेंगे। आजम खां के बेटे अब्दुल्ला के लखनऊ व रामपुर से दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र बनवाए जाने के मामले में रामपुर के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए कोर्ट में 31 अक्टूबर को अगली सुनवाई है।
इस मामले में आजम खां के अलावा उनकी (Samajwadi Party) पत्नी तजीन फात्मा व बेटा अब्दुल्ला भी आरोपित हैं। इस मामले में आठ गवाहों का परीक्षण हो चुका है। जबकि एसडीएम गजेन्द्र कुमार व रामपुर के तत्कालीन आयकर अधिकारी विजय कुमार समेत पांच लोगों की गवाही होनी है। इस मामले में भी जल्द आजम खां की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसके अलावा अब्दुल्ला आजम के दो पैन कार्ड तथा दो पासपोर्ट बनवाए जाने के मामले में भी गवाहों के बयान कराए जा रहे हैं। यह दोनों मामले भी रामपुर स्थित कोर्ट में ही विचाराधीन हैं।