संपादकीय: भारत की बेटियों को सलाम

Salute to the daughters of India

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Editorial: डी वाई पाटिल स्टेडियम मुंबई में उपस्थित लाखों दर्शकों के साथ उन करोड़ों भारतीयों का जो टीवी के सामने टकटकी लगाए रतजगा कर रहे थे उस समय खुशी से झूम उठे और पूरा देश भारत की बेटियों तुम्हे सलाम के जयघोष से गूंज उठा जब हरमन प्रीत कौर ने दक्षिण अफ्रीका की खतरनाक दिख रही बल्लेबाज डी. क्लार्क का कैच लपक कर वूमेंस वल्र्ड कप का फायनल मैच जीत लिया।

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वल्र्ड कप ही 140 करोड़ भारतीयों का दिल भी जीत लिया जो 2023 के मेंस वल्र्ड कप के फायनल में आस्ट्रेलिया के हाथों मिली हार से अब तक मायूस थे। उसी आस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में पराजित कर भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आस्ट्रेलिया से हिसाब भी बराबर कर दिया। भारतीय शेरनियों ने इस पूरे टूर्नामेंट में जो बेहतरीन खेल दिखाया है उसे देखते हुए वह विश्व कप की हकदार थी।

हरमन प्रीत कौर की कप्तानी में पूरी टीम एकजुट होकर खेली और सेमीफाइनल व फायनल में तो उसने वाकई कमाल कर दिखाया। फायनल मैच में पास हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने शानदार शुरुआत की और ओपनिंग जोड़ी ने शतकीय साझेदारी कर मजबूत नींव रखी। जिस पर 298 रनों की मजबूत इमारत खड़ी हो पाई। वैसे इस पाटा पिच पर दक्षिण अफ्रीका इस लक्ष्य को भेदने में सक्षम थी और उसने ऐसी कोशिश भी की लेकिन भारतीय महिला क्रिकेट टीम की गेंदबाजी इतनी धारदार और किफायती रही कि दक्षिण अफ्रीका पूरे 50 ओवर नहीं खेल पाई छियालीसवें ओवर में 246 रनों पर ढेर हो गई।

भारतीय गेंदबाज दीप्ति शर्मा ने कहर बरपाते हुए पांच विकेट झटके और दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी की कमर तोड़कर रख दी। दीप्ति शर्मा ने 58 रनों की धुंआधार पारी भी खेली थी। उनके इस हरफनमौला प्रदर्शन के लिए ही उन्हें प्लेयर आफ सीरीज के खिताब से नवाजा गया है। उन्होंने बैट और बाल दोनों से ही पूरे टूर्नामेंट में कमाल दिखाया। उन्होंने सर्वाधिक 22 विकेट लिए और 200 से ज्यादा रन भी बनाएं।

फायनल मैच में रिप्लेसमेंट पर आई टीम में आई शेफाली वर्मा ने भी अपने आलराउंडर प्रदर्शन से मैच का पासा पलटा। जिन्होने ओपनर के रूप में आक्रामक शुरुआत करते हुए 78 गेंदों पर 87 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली। जिसमें 7 चौंके और 2 छक्के शामिल थे। बाद में उन्होंने गेंदबाजी में भी अपना हुनर दिखाया और दो महत्वपूर्ण विकेट चमकाया। इसके लिए उन्हें प्लेयर आफ द मैच का पुरस्कार मिला। स्मृति मंधाना ने भी 45 रनों की उपयोगी पारी खेली और इसी के साथ वे एक वनडे सीरीज में सबसे ज्यादा 434 रन बनाने वाली पहली बल्लेबाज बन गई।

भारतीय विकेट कीपर बल्लेबाज ऋचा घोष ने भी अंतिम ओवरों में 24 गेंदों पर 34 रनों की विस्फोटक पारी खेलकर भारत को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फायनल मैच में टीम इंडिया ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्र रक्षण तीनों में ही शानदार प्रदर्शन किया। भारतीय शेरनियों ने साबित कर दिया कि वे दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम हैं। इस स्वर्णिम और ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए भारत की बेटियों की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। जियो शेरनियों। इसी तरह आगे भी भारत का नाम रौशन करती रहो।

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