संपादकीय: सुनिता के साहस को सलाम

संपादकीय: सुनिता के साहस को सलाम

Salute to Sunita's courage

Salute to Sunita's courage

Salute to Sunita’s courage: भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनिता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर 9 माह बाद अंतरिक्ष से धरती पर सुरक्षित लौट आये। नासा ने उन्हें 5 जून 2024 को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजा था। जहां अनुसंधान करके उन्हें 8 दिनों के बाद वापस आना था। लेकिन नासा के बोइंग स्टार लाइनर में तकनीकी खराबी आ जाने की वजह से उनकी वापसी नहीं हो पाई। नतीजतन उन्हें 9 माह तक अंतरिक्ष में रहना पड़ा और पूरी दुनिया को इस बात की चिंता होने लगी थी कि क्या नासा उन्हें वापस धरती पर लाने में सफल होगी। या नहीं।

भारत सहित दुनिया भर में इस बात को लेकर भी संशय बना हुआ था कि सुनिता विलियम्स की वापसी में कोई बाधा तो नहीं आएगी। लोगों के जेहन में एक फरवरी 2003 की दुखद घटना भी घूम रही थी जब अंतरिक्ष शटल के विघटित हो जाने से उसमें लौट रही भारतीय मूल की ही एक अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला और 7 अन्य लोगों की दुखद मृत्यु हो गई थी। बहरहाल इस तरह की सभी आशंकाएं निर्मूल सिद्ध हुई। ऐलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स ने डै्रगन कैपसूल नामक अंतरिक्षयान वहां भेजा जिससे सुनिता विलियम्स और बूच विलमोर की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हुई।

निश्चित रूप से यह एक स्वर्णिम उपलब्धि है। जिसपर पूरी दुनिया गर्व कर रही है। भारत में तो हर्ष की लहर दौड़ गई है। क्योंकि सुनिता विलियम्स भारतीय मूल की है उनका पैतृक स्थान गुजरात के मेहसाना में है। जहां पूरी रात लोग जाग कर सुनिता विलियम्स की वापसी का बात जोह रहे थे। तड़के सोढ़े तीन बजे ही जैसे ड्रैगन कैपसूल से सुनिता विलियम्स मुस्कुराती हुई और हाथ हिलाती हुई बाहर निकली पूरे देश व दुनिया में खुशी लहर दौड़ गई। सुनिता विलियम्स ने अंतरिक्ष विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है। वे ऐसी पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बन गई हैं जिसने सबसे लंबी उड़ान भरी हैं। उन्होंने स्पेस में 21 घंटे तक स्पेस वॉक करने का भी रिकॉर्ड बनाया है।

59 वर्षीय सुनिता विलियम्स इसके पहले भी दो बार अंतरिक्ष की यात्रा कर चुकी है किन्तु इस बार उन्हें अप्रत्याशित रूप से आई तकनीकी खराबी के कारण 9 माह तक अंतरिक्ष में रहना पड़ा। इस दौरान उन्होंने जिस धैर्य और साहस का परिचय दिया और हिम्मत नहीं हारी बल्कि हर पल खुद को और मजबूत बनाया। सुनिता विलियम्स ने साबित कर दिखाया कि नारी शक्ति हर चुनौती को पार करने में सक्षम है। सुनिता विलियम्स जैसी अंतरिक्ष योद्धा के साहस को आज हमारा देश भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया सलाम कर रही है।

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में सुनिता विलियम्स को विशिष्ट योगदान के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। भारत ने भी उन्हें पदमभूषण के सम्मान से नवाजा है किन्तु अब उन्हें और बड़ा पुरस्कार मिलना चाहिए। भारतीय मूल की सुनिता विलियम्स ने 2012 में अंतरिक्ष में तिरंगा लहराकर देश का मान बढ़ाया था। अंतरिक्ष विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में उनके योगदान को मद्देनजर रखकर उन्हें भारत सरकार भारत रत्न से सम्मानित करे यह इच्छा पूरे भारतवासियों की है। उम्मीद की जानी चाहिए कि केन्द्र सरकार भारत की बेटी सुनिता विलियम्स को भारत रत्न पुरस्कार देने की जल्द ही घोषणा करेगी।

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