साजा विधायक पुत्र की वजह से साहू और आदिवासी समाज आमने-सामने

साजा विधायक पुत्र की वजह से साहू और आदिवासी समाज आमने-सामने

Sahu and tribal community face to face because of Saja MLA's son

Saja MLA son

-बेमेतरा जिले का बढ़ रहा है सियासी तापमान
-दशहरे के दिन हुई थी मारपीट की घटना

रायपुर / नवप्रदेश । BJP MLA Ishwar sahu: बेमेतरा जिले के साजा विधायक ईश्वर साहू एक बार फिर चर्चा का विषय बने हुए हैं। इस बार विधायक अपने पुत्र की वजह से सुर्खियों में छाए हुए हैं। दरअसल, ईश्वर साहू के बेटे कृष्णा साहू का दशहरा के दिन रावण दहन के समय वहीं के स्थानीय आदिवासी युवक मनीष मंडावी से विवाद हो गया था। इसके बाद विधायक पुत्र पर अनुसूचित जाति जनजाति की धारा एट्रोसिटी एक्ट और मारपीट की धारा के तहत एफआईआर की गई थी। वहीं विधायक पुत्र ने भी मनीष मंडावी और उसके तीन साथियों के खिलाफ लूट का अपराध पंजीबद्ध करा दिया था।

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार मारपीट की घटना के बाद कृष्णा साहू एवं साहू समाज के कुछ लोगों ने मामले का निपटारा थाने के बाहर ही करने का भरसक प्रयास किया लेकिन मनीष मंडावी ने समझौते से इंकार कर दिया और अपने समाज के कुछ वरिष्ठ लोगों के साथ मिलकर काफी जद्दोजहद करते हुए कृष्णा साहू के खिलाफ एफआईआर करवा दी थी। इसके अगले दिन कृष्णा साहू ने पूर्व पीडि़त मनीष और उसके साथियों के खिलाफ 10 हजार रुपए की लूट की शिकायत थाने में की, जिस पर पूर्व में पीडि़त रहे मनीष को ही आरोपी बना दिया गया।

बीजेपी ने कहा कांग्रेस का षडय़ंत्र

इस प्रकरण के उजागर होने के बाद से अब भाजपा और कांग्रेस में सियासी घमासान मच गया है। जहां साजा विधायक ईश्वर साहू ने इस पूरी घटना को कांग्रेसियों का षडयंत्र बताते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। जिस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने भी विधायक साहू द्वारा लगाए गए आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है। पूर्व मुखयमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे जैसे कांग्रेस के बड़े नेता भी अब इस मामले को लेकर सियासी हमलावर हैं।

एसपी बोले, हम किसी राजनीतिक दबाव में नहीं

बेमेतरा के एसपी रामकृष्ण साहू ने नवप्रदेश से बातचीत में बताया कि पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं के चलते मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले की गंभीरता से बिना किसी प्रकार के दबाव के निष्पक्ष जांच की जा रही है। फिलहाल, पुलिस ने दोनों पक्षों में से अब तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की है।

दोनों समाज आए आमने-सामने

इस मामले में जहां एक तरफ आदिवासी समाज के लोग मनीष मंडावी और उसके साथियों के समर्थन में सामने खड़े हैं। वहीं दूसरी ओर साहू समाज ने भी विधायक पुत्र कृष्णा साहू के पक्ष में मोर्चा खोल दिया है। मामला तेजी के साथ तूल पकड़ते जा रहा है, ऐसे में किसी बड़े आंदोलन से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

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