Russia Ukraine War : बातचीत से हो समस्या का समाधान

Russia Ukraine War : बातचीत से हो समस्या का समाधान

Russia Ukraine War: The problem should be solved through dialogue

Russia Ukraine War

Russia Ukraine War : यूक्रेन और रूस के बीच पिछले 10 दिनों से जंग जारी है और इसके चलते दोनों ही देशों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। रूस के हमले से यूक्रेन में जगह-जगह तबाही के मंजर दिख रहे हैं। वहां के नागरिक अपनी जान बचाने के लिए पड़ोसी राज्यो में शरण लेने के लिए बाद्ध हो रहे हैं। यूक्रेन में पढऩे वाले भारत सहित अन्य देशों के छात्रों के लिए भी मुसिबत खड़ी हो गई है। जिनकी यूक्रेन से अपने देशों के लिए वापसी बेहद मुश्किल होती जा रही है। सिर्फ भारत ही अपने हजारों छात्रों को सकुशल वापस लाने में सफल हो पा रहा है।

अमेरिका चीन और खाड़ी देशों के अलावा अन्य देशों के भी हजारों छात्र वहां अभी तक फंसे हुए है। जिन्हें उनके देशों ने उनके हाल पर छोड़ रखा है। रूस ने आरोप लगाया है कि यूक्रेन (Russia Ukraine War) विदेशी छात्रों को बंधक बनाकर उन्हें ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि यूक्रेन के लोग विदेशी छात्रों के साथ मारपीट और लूटपाट करने से बाज नहीं आ रहे हैं। निश्चित रूप से यह स्थिति चिंतनिय है। रूस ने अपने हमले और तेज कर दिए है। जिसकी वजह से यूक्रेन की हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है।

अमेरिका और नाटो के बहकावें में आकर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस से पंगा मोल तो ले लिया है लेकिन इसकी उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। अमेरिका और नाटो दोनों ने यूक्रेन में अपनी सेना भेजने से इंकार दिया है। ऐसी स्थिति में रूस जैसे शक्तिशाली देश से मुकाबला कर पाना यूक्रेन के बूते की बात नहीं है। रूस बार-बार यूक्रेन के राष्टपति को चेतावनी दे रहा है कि वे सरेंडर कर दें अन्यथा इसके गंभीर परिणाम भूगतने के लिए तैयार रहे। किन्तु अमेरिका अभी भी यूक्रेन को युद्ध करने के लिए भड़का रहा है। होना तो यह चाहिए कि रूस और यूक्रेन के बीच यह जंग खत्म हो इसके लिए सभी प्रयास करें।

लेकिन हो उलटा रहा है। अमेरिका और नाटो आग में घी डालने का काम कर रहा है। यूरोपिय देश भी यूक्रेन (Russia Ukraine War) के मदद के नाम पर उसे रूस के खिलाफ भड़का रहे हैं। जाहिर है ऐसी स्थिति में यह जंग खत्म नहीं होगी। बल्कि आगे और तेज होगी। इस जंग के विश्वयुद्ध में बदलने की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता। यदि ऐसा हुआ तो पूरी दुनिया को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। मानवता के हित में यह आवश्यक है कि इस जंग को जल्द-जल्द खत्म कराने के लिए दुनिया के सभी देश प्रयास करें।

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