Russia Ukraine Soldier Bodies Exchange : गोली नहीं, करुणा से भरी ताबूतों की वापसी…युद्ध में मानवता की अनसुनी दस्तक…

मॉस्को/कीव, 12 जून| Russia Ukraine Soldier Bodies Exchange : एक तरफ मिसाइलें गरज रही हैं, तो दूसरी ओर दिलों में इंसानियत की हल्की-सी दस्तक अब भी ज़िंदा है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी खूनी संघर्ष के बीच एक ऐसी खबर आई है जिसने युद्ध की स्याह परतों के बीच उम्मीद की रौशनी दिखाई है।
रूस ने युद्ध में मारे गए 1,212 यूक्रेनी सैनिकों के शव यूक्रेन को लौटाए, और बदले में 27 रूसी सैनिकों के शव प्राप्त किए हैं। यह कदम इस्तांबुल समझौते के तहत उठाया गया, जिसमें बिना किसी शर्त के मानवीय आधार पर शवों की अदला-बदली को सहमति दी गई थी।
कैसे बनी सहमति?
2 जून 2025 को इस्तांबुल में दोनों देशों के बीच दूसरे दौर की वार्ता में रूसी वार्ताकार व्लादिमीर मेडिंस्की ने यूक्रेनी पक्ष को 6,000 शवों की वापसी की पेशकश की (Russia Ukraine Soldier Bodies Exchange)थी। इसी समझौते के तहत अब शवों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
युद्धबंदियों की अदला-बदली भी
इस समझौते के तहत 25 वर्ष से कम आयु के युद्धबंदियों के दो समूहों की अदला-बदली भी की गई है। इतना ही नहीं, गंभीर रूप से घायल सैनिकों की भी 12 जून को मानवीय आधार पर अदला-बदली की योजना है।
युद्ध अब भी जारी है…
हालांकि युद्ध की विभीषिका जारी है। रूस ने बीते कुछ दिनों में यूक्रेन पर कई घातक मिसाइल और ड्रोन हमले किए (Russia Ukraine Soldier Bodies Exchange)हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इन हमलों की निंदा करते हुए कहा, “रूस का हर हमला, हर रात एक नई पीड़ा बनकर आता है।”
क्या कहती है आंकड़े:
12,000+ यूक्रेनी नागरिकों की अब तक मौत
सैकड़ों घायल
हमलों में अधिकतर निशाना रिहायशी इलाके और बुनियादी ढांचे बने (Russia Ukraine Soldier Bodies Exchange)हैं
रूस का दावा: केवल सैन्य ठिकानों पर हमला किया गया
युद्ध में उम्मीद की एक किरण:
दुनिया भले ही कूटनीतिक हल की तलाश में हो, लेकिन ऐसे मानवीय कदम इस बात की गवाही देते हैं कि युद्ध के बीच भी करुणा की जगह होती है। ताबूत लौटाए जा रहे हैं, बंदूकें अब भी गरज रही हैं — लेकिन दिलों में इंसानियत की जगह अब भी बाकी है।