Rural Health : ICMR ने ग्रामीण स्वास्थ्य की पांच शोध परियोजनाओं को दी मंजूरी... |

Rural Health : ICMR ने ग्रामीण स्वास्थ्य की पांच शोध परियोजनाओं को दी मंजूरी…

Rural Health: ICMR has approved five research projects of rural health.

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स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव की उपस्थिति में किया MOU

रायपुर/नवप्रदेश। Rural Health : इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रत्येक प्रदेश में ग्रामीण अंचल के स्वास्थ्य समस्याओं से सम्बन्धित शोध कार्यों के लिये एक-एक मॉडल रूरल हेल्थ रिसर्च यूनिट (एम.आर.एच.आर.यू.) की स्थापना की जा रही है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश में यह संस्था दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक के झींट में स्थापित की जायेगी। दो करोड़ की लागत से तैयार इस भवन निर्माण के लिए स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव की उपस्थिति में सी.जी.एम.एस.सी. से एमओयू क्रियान्वयन किया गया है।

इस रिसर्च सेंटर में किये जाने वाले शोध प्रोजेक्ट्स पर विचार-विमर्श के लिये प्रोफेसर डॉ. अरविन्द नेरल की अध्यक्षता में लोकल रिसर्च एडवाइजऱी कमेटी की सम्पन्न मीटिंग में पांच शोध प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गयी है। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एल.व्ही.के.एस. भास्कर ‘मालेक्यूलर कोरिलेशन ऑफ मलेरिया एंड सिकल सेल एनीमिया इन पाटन ब्लॉक’ पर कार्य करेंगे।

एम्स रायपुर के फिजियालॉजी विभाग की एडिशनल प्रोफेसर डॉ. जयश्री आर.घाटे छत्तीसगढ़ प्रदेश के अनुसूचित जनजाति व गैर-अनुसूचित जनजाति जनसंख्या में मेटाबॉलिक सिन्ड्रोम के प्रीवलैंस का अध्ययन करेंगी।

चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर के सामुदायिक मेडिसीन विभाग के प्रोफेसर कमलेश जैन एम्स रायपुर के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. विनय राठौड के साथ मिलकर गरियाबंद जिले के सुपाबेड़ा और मानपुर ब्लॉक में किन्हीं अज्ञात कारणों से हो रहे क्रॉनिक किडनी डिसिजेस (सी.के.डी.) का वैज्ञानिक विश्लेषण कर इनके कारणों का पता लगाने की कोशिश करेंगे।

कम्यूनिटी मेडिसीन के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर निर्मल वर्मा अपने सहयोगियों के साथ झीट सामुदायिक केन्द्र के इलाके में सिकल सेल रोग से पीडि़त लोगों के जीवन शैली और स्वास्थ्य संबंधित रहन-सहन की गुणवत्ता का वैज्ञानिक विश्लेषण करेंगे। एक अन्य शोध प्रोजेक्ट में राज्य स्वास्थ्य सेवाओं के एस.ओ.एस. डॉ. धर्मेन्द्र गवई ग्रामीण अंचल (Rural Health) में कोविड-19 महामारी से संक्रमित लोगों में मनोवैज्ञानिक असर का अध्ययन करेंगे।

एल.आर.ए.सी. के चेयरमैन डॉ. अरविन्द नेरल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी कि इन सभी शोध कार्यों को विस्तृत विवेचन पश्चात् मंजूरी दी गयी है। उन्होंने बताया कि इन सभी प्रोजेक्ट्स को संस्था स्तर पर एथिकल कमेटी से पास कराने के पश्चात इन पर व्यवहारिक स्तर पर कार्य प्रारंभ किये जायेंगे।

इन शोध कार्यों (Rural Health) के लिये धन की उपलब्धता मेंटर संस्था- आई.सी.एम.आर. जबलपुर द्वारा की जायेगी। मीटिंग में उपस्थित आई.सी.एम.आर. के निर्देशक डॉ. अपरूप दास ने तकनीकी बिन्दुओं पर अपनी राय दी। मीटिंग में को-चेयरमैन डॉ. शशिकांत प्रसाद रविशंकर विश्वविद्यालय के लाइफ साईंस विभाग के प्रोफेसर विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

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