Rural Air Contamination : खामोश सिस्टम, जहरीली हवाएं...खरोरा में फ्लाई ऐश बना ‘ब्लैक कर्स’...

Rural Air Contamination : खामोश सिस्टम, जहरीली हवाएं…खरोरा में फ्लाई ऐश बना ‘ब्लैक कर्स’…

खरोरा, 21 मई| Rural Air Contamination : छत्तीसगढ़ के खरोरा क्षेत्र में एक अनकही आपदा धीरे-धीरे जानलेवा बनती जा रही है। विकास की दौड़ में पीछे छूट गया है पर्यावरण, और अब ‘फ्लाई ऐश’ नाम की यह जहरीली राख सिर्फ ज़मीन को नहीं, ज़िंदगियों को भी खा रही है।

चिचोली से आरंग तक फैला यह राख-जाल, अब बेकाबू होता जा रहा है। पहले खेतों की मेड़ें इसकी शिकार थीं, अब पक्की सड़कों तक इसने कब्ज़ा जमा लिया है। कोई नियम, कोई अनुमति नहीं — सिर्फ उड़ती राख और उड़ती जिम्मेदारियां।

कोयले से उठता ज़हर

फ्लाई ऐश — वो महीन राख जो कोयला जलाने से बनती है — आज सड़कों और गांवों की नई पहचान बन चुकी है। इसे न तो कचरा माना जा रहा है और न ही संसाधन; बल्कि इसे खुले में फेंकना अब आम चलन हो गया (Rural Air Contamination)है। माठ, मुरा, बंगोली, कोटा जैसे गांवों में यह रोज़ाना सांसों के ज़रिए घरों में घुस रही है।

हमने सांस लेना छोड़ दिया है, पर अधिकारी अभी भी मौन हैं”

लोगों की आंखें जल रही हैं, फेफड़े जवाब दे रहे हैं, और सड़कें फिसलन भरी और खतरनाक हो चुकी हैं। दुर्घटनाएं रोज़ की बात हो गई हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की छुट्टियां अभी खत्म नहीं हुईं।

पर्यावरण अधिकारी आर. के. शर्मा लिखित शिकायत की दुहाई देते (Rural Air Contamination)हैं, वहीं क्षेत्रीय अधिकारी प्रकाश आर. रवाडे शायद फोन की घंटी की आवाज भी नहीं सुनते।

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