Rupee Falls Sharply : चार महीने में रुपये की सबसे बड़ी गिरावट, पहली बार 89.60 के पार पहुंचा डॉलर के मुकाबले

Rupee Falls Sharply

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शुक्रवार को रुपये (Rupee Falls Sharply) में लगभग चार महीने की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई और यह पहली बार 89 रुपये प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया। घरेलू और वैश्विक बाजारों से आए नकारात्मक संकेतों के बीच भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 93 पैसे लुढ़ककर 89.61 पर बंद हुई।

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत–अमेरिका व्यापार समझौते पर अनिश्चितता और वैश्विक आईटी शेयरों में बिकवाली रुपये के कमजोर होने की मुख्य वजहें रहीं। इससे पहले 30 जुलाई को इंट्रा-डे के दौरान रुपया 89 पैसे टूटा था, जो पिछले महीनों में सबसे बड़ी गिरावट मानी गई थी।

(Rupee Falls Sharply) 89.65 का अब तक का सबसे निचला स्तर

विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 88.67 पर खुला और कारोबार के दौरान एक समय यह अब तक के सबसे निचले स्तर 89.65 तक गिर गया। बाद में इसमें हल्का सुधार हुआ और यह 89.61 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 93 पैसे कम था। गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 20 पैसे टूटकर 88.68 पर बंद हुआ था। इससे पहले 14 अक्टूबर को रुपये ने अब तक का रिकॉर्ड निचला बंद स्तर 88.81 छुआ था। उधर, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर इंडेक्स 0.09% चढ़कर 100.17 पर पहुंच गया।

रुपये के लिए कोई स्तर निर्धारित नहीं

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने गुरुवार को कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक रुपये का कोई निश्चित स्तर तय नहीं करता। डॉलर के मुकाबले हालिया कमजोरी की मुख्य वजह अमेरिकी टैरिफ नीति और व्यापारिक अनिश्चितता है। दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि रुपया एक वित्तीय इंस्ट्रूमेंट है। अगर डॉलर की मांग बढ़ती है तो रुपया कमजोर होता है; और जब रुपये की मांग बढ़ती है तो डॉलर नीचे आता है।