संपादकीय: आवारा पशुओं के कारण सड़क दुर्घटनाएं चिंतनीय
Road accidents caused by stray animals are a matter of concern: छत्तीसगढ़ में जून 2024 तक आवारा पशुओं के कारण हुई सड़क दुर्घटनाओं में डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और ढाई सौ से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। आवारा पशुओं के कारण बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं वाकई गंभीर चिंता का विषय है।
इस बारे में समाजसेवी संगठनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसपर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सड़क पर आवारा घूमने वाले पशुओं की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
इसके बाद छत्तीसगढ़ की विभिन्न नगरी निकायों में मुनादी करानी शुरू कर दी है कि पशु पालक अपने पशुओं को घर में रखे उन्हें बाहर न छोड़े अन्यथा उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। किन्तु इसका भी पशु पालकों पर कोई खास असर नहीं पड़ रहा है।
अभी भी मुख्य मार्गों पर पशुओं का जमावड़ा देखा जा रहा है। जिसकी वजह से बरसात के इस मौसम में वाहन चालक खासतौर पर दो पहिया वाहन चालक सड़क दुर्घटना का लगातार शिकार हो रहे हैं।
दरअसल नगरी निकायों में आवारा मवेशियों की धर पकड़ के माकूल इंतजाम नहीं हैं और न ही कांजी हाउसों में इतनी व्यवस्था है कि वहां सैकड़ों मवेशियों को सुरक्षित रखा जा सके।
पूर्ववर्ती भूपेश बघेल की सरकार में आवारा मवेशियों की समस्या के समाधान के लिए ग्रामीण स्तर पर गौठान निर्माण की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की थी किन्तु वह भी अनियमितता की शिकार होकर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
राज्य सरकार को चाहिए की वह इस गौठान योजना को नए रूप में लागू करें तभी इस समस्या का समाधान हो पाएगा।