River and drains in spate in Sukma: सुकमा में नदी, नाले उफान पर, रास्ते बंद, 100 से ज्यादा गांवों का सम्पर्क टूटा
एनएच- 30 पर पानी एर्राबोर पुल के ऊपर से बह रहा है, वहीं भारी बारिश से यातायात प्रभावित हुआ है, सड़कों पर गाड़ियों की लाइन लगी हुई है
सुकमा/नवप्रदेश। Sukma rains, rivers and drains are in spate, roads closed, district headquarter village communication lost: जिले में लगातर बारिश से नदी व नाले उफान पर होने से आम जन-जीवन पर प्रभाव पड़ा है। जिला मुख्यालय का कोंटा ब्लाक सहित 100 से ज्यादा गांवों से सम्पर्क टूट चुका है। ऐसे में देखा जाए तो जिले के अंदरूनी क्षेत्र में आज भी ग्रामीण दसवीं सदी जैसी स्थिति में जीवन-यापन करने के लिए मजबूर हैं।
एनएच- 30 पर भरा पानी एर्राबोर पुल के ऊपर से बह रहा था। वहीं भारी बारिश से यातायात प्रभावित हुआ है। सड़कों पर गाड़ियों की लाइन लगी हुई है। इधर पुलिस प्रशासन ने सावधानी के लिए बेरिकेट लगा दिए हैं। पुलिस ने वीडियो जारी कर लोगों से नदी व नालों को पार करते समय सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
अधिकारिक जानकारी अनुसार नदी-नाले उफान पर होने के कारण (Sukma rains, rivers and drains are in spate, roads closed, district headquarter village communication lost) मार्ग बंद होने के कारण एक मरीज को डिस्चार्ज कर वापस गृहग्राम लाया जा रहा था, जिसकी रास्ते में मौत हो गई। मामले पर परिजनों ने बताया कि बढ़ते खर्च के कारण डिस्चार्ज कर वापस लाकर देशी इलाज कराया जाना था। मृतक ग्राम किष्टाराम अडरापेंटा का निवासी रहा।
शव को गृह ग्राम ले जाने की कोशिश की गई पर चारों ओर नदी व नाले भरे हुए थे जिसके कारण 20 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर परिजन शव को खाट में लेकर पुल-पुलिया पार कर अपने गृहग्राम पहुंचे।
सुकमा जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर केरलापाल क्षेत्र के पोगाभेज्जी व सिरसट्टी पंचायत है। (Sukma rains, rivers and drains are in spate, roads closed, district headquarter village communication lost) इन पंचायतों को एनएच 30 केरलापाल से जोड़ती है। ग्रामीण ने बताया कि सरकारी राशन व हाटबाजार से अपनी दैनिक जरूरतों के सामनों की खरीदी के लिए केरलापाल आना पड़ता है। पर यहां तक पहुंचना भी चुनौति भरा काम है। नदी में दो जगह पर पुल के निर्माण की आवश्यकता है। पुल नहीं होने से इस क्षेत्र में गाड़ियां नहीं चलती हैं।
गांव के आगे सड़क नहीं
वहीं केरलापाल से दो किलोमीटर तक ही पक्की सड़क है उसके बाद भी इन दोनों पंचायत के लिए जाने वाली सड़क बदहाल है। रबडीपारा के पास नाला पार करते ही आगे के लिए पगडंडी नुमा सड़क है। बुनियादी सुविधाओं के अभाव के बीच यहां के ग्रामीण वनोपज के साहरे जीवन यापन कर रहे हैं।
दसवीं सदी जैसी स्थिति
जिले के अंदरूनी क्षेत्र में आज भी ग्रामीण दसवीं सदी जैसी स्थिति में जीवन-यापन करने के लिए मजबूर हैं। इन पंचायतों में आज भी ग्रामीणों के चलने के लिए सही तरह से सड़क भी नहीं है। बिजली, पेयजल, शिक्षक, स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के बीच ग्रामीण रहने के लिए मजबूर हैं।