संपादकीय: प्याज की बढ़ती किमतों ने बिगाड़ा घरेलू बजट
Rising onion prices spoil the domestic budget: दिपावली का त्यौहार सामने है और ऐसे में प्याज की बढ़ती कीमतें लोगों की आंखो में आंसू ला रहे है।
वैसे तो इस साल हुई भारी बारिश के कारण अन्य हरी सब्जियों के दाम भी आसमान पर पहुंच गए है। किन्तु टमाटर और प्याज के दामों में हो रही वृद्धि के कारण सब्जि का जायका बिगड़ता जा रहा है।
बहरहाल केन्द्र सरकार ने त्यौहारी सीजन में लोगों को महंगाई से थोड़ी राहत देने के लिए इतिहास में पहली बार कांदा एक्सप्रेस चलाने का निर्णय लिया है। महाराष्ट्र से एक टे्रन भरकर प्याज देश की राजधानी नई दिल्ली पहुंची है।
अब इस प्याज को सरकार 35 रूपये किलो की दर से आम जनता को उपलब्ध कराएगी। उल्लेखनीय है कि बाजार में प्याज की चिल्लहर में कीमत 80 रूपये किलो तक पहुंच गई है जो आम आदमी के लिए खरीद पाना मुश्किल हो गया है।
उल्लेखनीय है कि हर साल बारिश के मौसम के बाद प्याज की कीमतें बढ़ती ही है लेकिन इस बार तो प्याज की कीमतों ने अपने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है।
अब सरकार कांदा एक्सप्रेस को उत्तरप्रदेश, बिहार, असम और मणिपुर जैसे पूर्वोत्तर राज्यों तक चलाने पर विचार कर रही है ताकि वहां के लोगों को भी महंगाई से राहत मिल पाए।
प्याज की आपूर्ति तो जैसे तैसे हो रही है लेकिन टमाटर और अन्य हरी सब्जियां जो जल्दी खराब हो जाती है उनकी इस तरह से देश भर में सप्लाई कर पाना नामुमकिन है।
जाहिर है अन्य हरी सब्जियों के बढ़ते दामों के कारण इस बार त्यौहार की चमक फीकी पड़ सकती है। शासन प्रशासन को चाहिए की हरी सब्जियों और फलों की किल्लत का नाजायज फायदा उठाने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित करें।
ताकि लोगों को राहत मिल सके। इसी तरह खाद्य तेलों और अन्य आवश्यक वस्तुएं के दाम बांधने के लिए भी प्रभावी पहल करना निहायत जरूरी है।
यदि लोगों को बढ़ती महंगाई से राहत देने के लिए सरकार ने कड़े कदम नहीं उठाए तो महाराष्ट्र और झारखंड़ विधानसभा चुनाव के साथ ही उत्तरप्रदेश की दस विधानसभा सीटों के उपचुनाव पर इसका असर पड़ सकता है और सत्तारूढ़ दल को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
उम्मीद की जानी चाहिए की केन्द्र सरकार बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए यथाशीज्ञ्र कड़े कदम उठाने के लिए गंभीर प्रयास करेगी।