Rising Inflation : महंगाई रोकने कड़े कदम जरूरी
Rising Inflation : इन दिनों देश में लगातार बढ़ती महंगाई से हाहाकार मच रहा है। पेट्रोल डीजल और रसोई गैस के दामों में लगातार हो रही वृद्धि के कारण आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छूने लगे है। बढ़ती महंगाई ने लोगों का घरेलू बजट तहस नहस कर के रख दिया है। खासतौर पर मध्यम वर्ग के लोगों के लिए तो महंगाई सचमुच डायन बन गई है। उनके लिए आमदनी अठन्नी और खर्चा रूपैया वाली बात हो रही है।
दो साल लंबे चले कोरोनाकाल के कारण पहले ही लोगों के पास आड़े वक्त के लिए जमा की गई पूंजी लगभग खत्म हो चुकी है और अब लगातार बढ़ती महंगाई (Rising Inflation) ने आम आदमी का जीना मुहाल कर रखा है। खाद्यान, तेल, किराना सामान और दूध के दाम मे वृद्धि से लोगों के भोजन की थाली महंगी होती जा रही है। हरी सब्जियों और फलों के दाम भी दिन दुनी रात चैगुनी रफ्तार से बढऩे लगे है। स्थिति यह है कि हरी सब्जियों के आभाव में टमाटर की चटनी खा पाना भी मुश्किल हो रहा है। महंगाई पर रोक लगाने की दिशा में सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है।
वहीं यह संभावना भी जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में महंगाई और ज्यादा रूलाएगी। इसके पहले कि जनता त्रहिमाम त्राहिमाम करे सरकार को महंगाई पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। पेट्रोलियम पदाथों और रसोई गैस की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए केन्द्र और राज्य सरकारों को इसपर लगने वाले वैट की दरों को कम करना चाहिए ताकि आम जनता को राहत मिल सकें।
इसके साथ ही जमाखोरी और मुनाफाखोरी करने वालों के खिलाफ भी छापामार कार्यवाही की जानी चाहिए, जो एक लंबे अरसे से आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी कर बाजार में उसका कृत्रिम संकट पैदा करते है और फिर भारी मुनाफा कमाते है। यह ठीक है कि रूस और यूक्रेन के बीच पिछले तीन माह से चलने वाली जंग के कारण दुनिया के कई देशों में महंगाई परवान चढ़ी है लेकिन भारत में महंगाई बेलगाम हो चुकी है।
समझ में नहीं आता कि सरकार पर दबाव (Rising Inflation) बनाने के लिए विपक्ष महंगाई के मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरने से क्यों हिचक रहा है। सरकार यदि इस दिशा में उदासीन है तो विपक्ष का यह कर्तव्य बन जाता है कि वह इस मुद्दे को लेकर व्यापक आंदोलन करें ताकि सरकार महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए प्रभावी पहल करने के लिए बाद्ध हो।