मिनी-रीपा के रूप में तेजी से विकसित हो रहा बनचरौदा गौठान, जैविक खाद बनाकरसमूहों ने कमाएं 10 लाख

मिनी-रीपा के रूप में तेजी से विकसित हो रहा बनचरौदा गौठान, जैविक खाद बनाकरसमूहों ने कमाएं 10 लाख

Bancharoda Gauthan is developing rapidly in the form of mini-ripa, groups earned 10 lakhs by making organic fertilizers
  • दस से अधिक आजीविका गतिविधियां, 100 से ज्यादा महिलाओं को मिला काम
  • सामुदायिक बाड़ी की सब्जी से हुआ 4 लाख रुपए का फायदा

रायपुर । ripa रायपुर जिले का बनचरौदा गौठान दस से अधिक अलग-अलग आजीविका गतिविधियों से लगभग 100 से ज्यादा महिलाओं को जोड़कर मल्टी टाॅस्किंग, मिनी रीपा के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है। आरंग विकासखण्ड के बनचरौदा गांव का गौठान पशुओं के सेहत का ध्यान रखने, नस्ल सुधार से लेकर गांव की 100 से ज्यादा महिलाओं के लिए दैनिक रोजगार उपलब्ध करा रहा है। इस गौठान में गांव के लगभग 700 पशुधनों का समय-समय पर टीकाकरण, नस्ल सुधार और टेगिंग का काम किया जा रहा है। पशुधन विकास विभाग पहले इसके लिए घर-घर जाता था।

अब पशुओं के टीकाकरण, रोग-बीमारियों का ईलाज एक साथ एक जगह पर ही हो जा रहा है। इसके साथ ही बनचरौदा के गौठान में ग्यारह महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा कई आयमूलक गतिविधियां भी की जा रही है। 100 से अधिक महिलाएं इस गौठान में वर्मी खाद, मशरूम, नर्सरी और चारा उत्पादन, सब्जी बाड़ी, मुर्गी, मछली और बकरी पालन जैसे काम कर रही हैं। इन गतिविधियों से महिलाओं को अच्छा फायदा हो रहा है और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होने से परिवार का लालन-पालन  आसानी से हो पा रहा है।

      बनचरौदा का गौठान लगभग साढ़े 3 एकड़ क्षेत्र में फैले हुआ है। गौठान में दुर्गा शक्ति महिला स्व-सहायता समूह द्वारा गोबर के दिया, गमला,दोना पत्तल एवं अन्य निर्माण कार्यो से लगभग 50 हजार रुपए की आमदनी हुई है। गौठान में 3 लाख 28 हजार किलोग्राम से अधिक गोबर खरीद कर 65 हजार 351 किलोग्राम वर्मी खाद का उत्पादन किया गया है। इससे महिला समूह को लगभग 7 लाख रुपए की कमाई हुई है।

इसी तरह 54 हजार किलोग्राम सुपर कंपोस्ट खाद का उत्पादन कर 48 हजार 423 किलोग्राम का विक्रय कर महिलाओं ने लगभग 3 लाख 50 हजार रुपए की कमाई कर चुकी है। गौठान में भावना महिला स्व-सहायता समूह साबुन और अगरबत्ती निर्माण से 80 हजार रुपए की कमाई की है। बनचरौदा गौठान में लगभग 5 एकड़ क्षेत्र में बने बाड़ी से अन्नपूर्णा और शिवशक्ति समूह की महिलाओं द्वारा सब्जी बेचकर साढ़े चार लाख रुपए की आमदनी की गई है।

बनचरौदा के गौठान में गांव के वैभव महिला समूह द्वारा मछली पालन का काम किया जा रहा है। इससे पिछले सीजन में समूह को 30 हजार रूपये की आमदनी हुई है। गौठान में धन लक्ष्मी स्व-सहायता समूह की महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट और केचुआ खाद् बनाने के काम में लगी है। सरस्वती महिला समूह की सदस्य गौठान में मछली पालन और मुर्गी पालन का काम कर रही है। दुर्गा शक्ति और विजय लक्ष्मी महिला समूह की महिलाओं द्वारा गोबर से बनने वाले उत्पाद जैसे दीये, मूर्ति, गमला, गौकाष्ट आदि उत्पादन कर रही है।

दुर्गा महिला समूह दोना-पत्तल, जागृती स्व-सहायता समूह, बम्बू और कण्डा निर्माण कर फायदा कमा रही है। महिला समूह महालक्ष्मी की सदस्यों ने अब तक फूलवारी के फूलों से दस हजार रूपये कमा लिये है। भावना स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मशरूम उत्पादन का काम शुरू किया है। पिछले सीजन में इस समूह मशरूम बेंचकर लगभग 20 हजार रूपये का फायदा पाया है। समूह की महिलाओं ने बताया की सरकार की गौठान और बाड़ी योजना से ग्रामीण महिलाओं की जीवन स्तर में सुधार हुआ है। परिवार के लोगो की आवश्यकता की पूर्ति अब आसानी से होने लगी है।

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