RTI : पूछे गये सभी प्रश्नों के जवाब देने अनिवार्य नहीं... |

RTI : पूछे गये सभी प्रश्नों के जवाब देने अनिवार्य नहीं…

RTI: It is not mandatory to answer all the questions asked...

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RTI : ‘कार्यालय स्थापना और रिकॉर्ड रखरखाव क्षमता निर्माण’ विषय पर आनलाईन कार्यशाला में बोले एक्सपर्ट

दुर्ग/नवप्रदेश। RTI : शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के आईक्यूएसी के द्वारा अशैक्षणिक कर्मचारियों एवं प्रयोगशाला तकनीशियनों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। ये कार्यशाला “कार्यालय स्थापना और रिकॉर्ड रखरखाव क्षमता निर्माण” विषय पर आयोजित किया था, जो 5 दिवसीय आनलाईन कार्यशाला था।

कार्यक्रम में आफिस दस्तावेज एवं प्रयोगशाला रख-रखाव के विभिन्न आयामों पर विशेषज्ञों ने कर्मचारियों को सार्थक जानकारी दी। कार्यक्रम के पहले दिन शासकीय जे. योगानंदम छत्तीसगढ़ महाविद्यालय, रायपुर के डाॅ. तापेस चन्द्र गुप्ता ने शासकीय सेवक नियुक्ति से लेकर सेवा निवृत्ति तक की एक-एक बारीकियों पर बोले।

सेवक नियुक्ति से लेकर सेवा निवृत्ति तक की बारीकियों से रूबरू

एक्सपर्ट बोले- किसी भी शासकीय सेवक के नियुक्ति से लेकर सेवा निवृत्ति तक उसके सेवा पुस्तिका का लेखन एवं रखरखाव कार्यालय द्वारा किस प्रकार किया जाना चाहिए। इस पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने जीपीएफ पासबुक का संधारण, आहरण प्रविष्टि, नाॅमिनी में संशोधन, पेस्लिप का महत्व एवं हस्ताक्षर में परिवर्तन की प्रक्रिया आदि पर विस्तार से समझाया।

कार्यक्रम के दूसरे दिन संयुक्त संचालक देवेन्द्र चौबे ने संभागीय कोष, लेखा एवं पेंशन विभाग सहित भण्डार खरीदी हेतु निविदा की शर्तों, वित्तीय शक्तियों की जानकारी एवं सीमित निविदा के नियमों को बताया गया। उन्होंने खुली निविदा के लिए आवश्यक शर्तों के साथ ही सीएसआईडीसी तथा जैम पोर्टल के द्वारा खरीदी प्रक्रिया एवं इसकी समयावधि की विस्तृत जानकारी दी।

तृतीय सत्र में शासकीय कन्या महाविद्यालय, दुर्ग के प्राचार्य वा.वा.पाटणकर एवं क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, उच्चशिक्षा, दुर्ग संभाग के डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी ने प्रयोगशाला रख-रखाव, लैब सामाग्री एवं उपकरणों की खरीदी से लेकर उसे लेने, उसका रखरखाव, उपयोग, ख़ारिज करने एवं लैब में रखी जाने वाली सावधानियों की सारी प्रक्रियाओं की बारीरिकों को बहुत ही सरलता से समझाया।

चतुर्थ सत्र में कार्यालय द्वारा किए जाने वाले पत्राचार एवं सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के संबंध (RTI) में महाविद्यालय के डाॅ. अनिल कुमार ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विधानसभा के तारांकित प्रश्नों को अतिआवश्यक सेवा मानकर उसका जवाब तत्काल उपलब्ध कराना चाहिए।

किसी भी जानकारी में समय का महत्व

आगे उन्होंने बताया कि सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI) के अंतर्गत पूछे गये सभी प्रश्नों के जवाब दिया जाना अनिवार्य नही है एवं प्रश्नों की जानकारी दिए जाने की समयावधि पर भी फोकस किया।

पंचम एवं अंतिम सत्र में डाॅ. तपेष चन्द्र गुप्ता ने शासकीय अवकाश के नियम पर जानकारी दी एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. आर.एन. सिंह ने अपलेखन से संबंधित जानकारी देते हुए इसी प्रक्रिया को विस्तारपूर्वक समझाया।

इस मौके पर विभिन्न महाविद्यालयों के करीब 250 से अधिक कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के सफल संचालन में डाॅ. अनुपमा अस्थाना, डाॅ. जगजीत कौर सलूजा, डाॅ. पद्मावती, डाॅ. प्रज्ञा कुलकर्णी, डाॅ. सुनीता बी. मैथ्यू, डाॅ. संजू सिन्हा, डाॅ. सतीष कुमार सेन, डाॅ. अभिषेक मिश्रा, प्रोफेसर दिलीप कुमार साहू एवं अन्य आईक्यूएसी सदस्यों का सक्रिय योगदान रहा।

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