Respect Corona Warriors : संक्रमित हुए फिर भी डटे रहे कर्तव्य पर इसलिए सम्मान
माइक्रोबायोलॉज विभाग एवं वायरोलॉजी लैब ने पूरा किया सवा 4 लाख आरटीपीसीआर टेस्ट
रायपुर/नवप्रदेश। Respect Corona Warriors : कोरोना काल में निरंतर अपने परिश्रम एवं सेवा की बदौलत सवा चार लाख आरटीपीसीआर टेस्ट करने वाले माइक्रोबायोलॉजी विभाग एवं वायरोलॉजी लैब की टीम को उत्कृष्ट सेवाओं के लिये प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
शुक्रवार को चिकित्सा महाविद्यालय के लेक्चरर हॉल में आयोजित सम्मान समारोह में डॉक्टर, माइक्रोबायोलॉज, सीनियर एवं जूनियर साइंटिस्ट, लैब टेक्नीशियन, डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं अन्य सभी सहायक स्टॉफ सहित 130 कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर डीएमई एवं डीन डॉ. विष्णु दत्त मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. अरविंद नेरल एवं कम्युनिटी मेडिसिन से प्रो. डॉ. कमलेश जैन रहे तथा कार्यक्रम की आयोजनकर्ता माइक्रोबायोलॉज विभागाध्यक्ष डॉ. निकिता शेरवानी रहीं।
चुनौती थी खुद को संक्रमण से बचाकर काम करना: डॉ. विष्णु दत्त
डीएमई एवं डीन डॉ. विष्णु दत्त ने अपने उद्बोधन में कहा कि वायरोलाजी लैब में काम करने की पहली चुनौती स्वयं को संक्रमण से बचाना है। कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर के दौरान वायरोलॉजी लैब में कार्यरत सभी कर्मचारियों ने सतत रूप से कोरोना के आरटीपीसीआर सैम्पलों के जांच में जो भूमिका निभाई वह निश्चित रूप से सराहनीय है।
स्वयं को संक्रमण से बचाते हुए लैब के अंदर लगातार तीन शिफ्टों में काम किया। उसी का नतीजा है कि आज सवा चार लाख आरटीपीसीआर सैंपलों की जांच कर यह लैब अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में कामयाब (Respect Corona Warriors) रहा। हालांकि इस दौरान कुछ लोग संक्रमित भी हुए लेकिन फिर भी लैब का काम कभी रुकने नहीं दिया। लैब के सभी स्टॉफ बधाई एवं सम्मान के पात्र हैं।
शोध कार्य को बढ़ावा देने की हो रही तैयारी
विशिष्ट अतिथि डॉ. अरविंद नेरल ने मंचासीन संचालक चिकित्सा शिक्षा एवं अधिष्ठाता से विभाग द्वारा जीनोम सिक्वेंसिंग एवं बीएसएल -3 लैब के लिए शासन के पास भेजे गये प्रस्ताव पर जल्द से जल्द कार्यवाही कर इसकी स्थापना प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए निवेदन किया जिससे भविष्य में वायरोलॉजी लैब में निदान एवं शोध कार्यों को और बढ़ावा मिल सके।
प्रतिदिन 100 से 1200 सैंपल तक पहुंचने का सफर
डॉ. निकिता शेरवानी ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण की शुरुआत के साथ ही बेहद ही कम समय में आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कोरोना जांच के लिये मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब में 14 अप्रैल 2020 से आरटीपीसीआर जांच की शुरुआत हुई।
चार माइक्रोबायोलॉजिस्ट व साइंटिस्ट एवं 20 टेक्नीशियन की टीम के साथ हमने 100 सैंपल प्रतिदिन के हिसाब से जांच की शुरुआत की जो बाद में 1200 प्रतिदिन हो गया। तब केवल एम्स में ही आरटीपीसीआर जांच की सुविधा थी। पूरी टीम को सम्मानित करने का उद्देश्य यह था कि लैब में कार्यरत टीम की हौसला अफजाई एवं उत्साहवर्धन हो सके।
नमूने के परीक्षण के लिए अधिकतम छह घंटे का समय
एक सैंपल की जांच के लिये अधिकतम छह घंटे का समय लगता है। पूरी प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए माइक्रोबायोलॉजिस्ट, सीनियर साइंटिस्ट, जूनियर साइंटिस्ट, लैब टेक्निशियन और लैब अटेंडेंट (Respect Corona Warriors) की मुख्य भूमिका होती है। लैब में कोरोना सैंपलों की जांच के बाद आईसीएमआर पोर्टल, आईडीएसपी और स्वास्थ्य विभाग को सभी रिपोर्ट और जानकारियां तुरंत प्रेषित करना यह सभी टीम वर्क का नतीजा होता है। कोरोना योद्धाओं की इस टीम ने कोरोना महामारी से लडऩे में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है इसलिए इन्हें सम्मानित किया गया।
इनका हुआ विशेष सम्मान
डॉ. रूपम गहलोत, डॉ. सुचिता नेताम, डॉ. निंजा मोंगा, डॉ. स्नेहा ददरिया, डॉ. नेहा सिंह, डॉ. अभिज्ञान नाथ, डॉ. खुशबू भांगे, डॉ. दिव्या सुधीर, कुमारी विजय लक्ष्मी जैन, अर्पणा साहू, डॉ. इरिश ठाकुर, डॉ. तूलिका रेड्डी, डॉ. राशि मंधानी, डॉ. शिवांगी गुप्ता को विशेष रूप से सम्मानित किया (Respect Corona Warriors) गया। वहीं सुषमा श्रीवास, डॉ. ममता साहू और संदीप पांडे ने कार्यक्रम के आयोजन में विशेष सहयोग दिया।