Renewable Energy Projects In Madhya Pradesh : CM यादव के नेतृत्व में नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में रोल मॉडल बनकर उभरा मध्य प्रदेश

Renewable Energy Projects In Madhya Pradesh
Renewable Energy Projects In Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में रोल मॉडल बनकर उभर रहा है। प्रदेश में स्थापित की गई अनेक अभूतपूर्व परियोजनाओं से सौर ऊर्जा की आपूर्ति न केवल प्रदेश में, बल्कि दिल्ली मेट्रो एवं भारतीय रेल को भी की जा रही है। ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी पर विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना स्थापित की है। मुरैना में भी एक अभिनव सौर परियोजना स्थापित की जा रही है, जिसमें ऊर्जा भण्डारण कर सुबह और शाम के व्यस्ततम समय (पीक ऑवर्स) में भी प्रदेश को हरित ऊर्जा प्रदाय की जाएगी। यह (Renewable Energy Projects in Madhya Pradesh) देश और दुनिया के लिए एक मिसाल बन रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट की नवकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। उनके संकल्प की पूर्ति के लिये मध्यप्रदेश प्रतिबद्ध है और लक्ष्य प्राप्ति के लिये नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निरंतर नवाचार भी कर रहा है। मुरैना में स्थापित होने जा रही अनूठी परियोजना के लिए निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इस परियोजना में सलाहकार आईएफसी की सेवाएं ली गई हैं।
परियोजना से प्रदेश में लगभग 4 हजार करोड़ रुपये का निवेश अपेक्षित है। इससे चंबल क्षेत्र का विकास होगा, साथ ही स्थानीय युवाओं के लिये रोज़गार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। मुरैना में विश्व-स्तरीय सौर ऊर्जा भण्डारण परियोजना की स्थापना गर्व का विषय है। यह (Renewable Energy Projects in Madhya Pradesh) हरित ऊर्जा को पीक ऑवर्स में भी उपलब्ध कराएगी।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला का कहना है कि मुरैना परियोजना राज्य सरकार की सकारात्मक सोच एवं प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस परियोजना और ऐसी अन्य आगामी परियोजनाओं से मध्यप्रदेश, देश ही नहीं बल्कि विश्व के लिए अक्षय ऊर्जा का एक रोल मॉडल होगा।
प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा के अधिक उपयोग एवं ऊर्जा सुरक्षा के लिए ऊर्जा भण्डारण आवश्यक है। प्रदेश में दिन के समय हरित एवं सस्ती सौर ऊर्जा उपलब्ध है, परन्तु शाम के पीक ऑवर्स में विद्युत् आपूर्ति कोयला आधारित और महंगी है। मुरैना सोलर पार्क और ऊर्जा भण्डारण, प्रदेश की पीक ऊर्जा आवश्यकताओं को सौर ऊर्जा से पूरा करने की दिशा में पहला कदम है। यह सोलर प्लस बैटरी आधारित परियोजना है, जिसके अंतर्गत शाम 6 से रात 10 बजे तथा सुबह 6 से 9 बजे तक मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (एमपीपीएमसीएल) की 440 मेगावॉट तक की पीक आवश्यकताएँ पूरी की जाएँगी।
मध्य प्रदेश विद्युत उत्पादन में अग्रणी है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लगभग पौने 6 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले। इन निवेशों से 1 लाख 85 हजार नए रोज़गार सृजित होंगे। प्रदेश सरकार का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत ऊर्जा अक्षय स्रोतों से प्राप्त करना है। प्रदेश में 24 हजार 600 से अधिक मेगावॉट बिजली बनाने की वर्तमान में क्षमता मौजूद है।
इसे चालू वर्ष 2 हजार मेगावॉट से अधिक बढ़ाने का लक्ष्य है। ओंकारेश्वर में देश की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना के पहले चरण में 278 मेगावॉट बिजली बनने लगी है। आगर और नीमच में भी बड़े सौर प्लांट शुरू हुए हैं। मुरैना में 800 मेगावॉट की सोलर परियोजना विकसित की जा रही है, जिसमें 600 मेगावॉट की ऊर्जा भंडारण क्षमता भी होगी।