Reliance Power CFO Arrest : 68 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में रिलायंस पावर के सीएफओ गिरफ्तार

Reliance Power CFO Arrest
Reliance Power CFO Arrest : ईडी ने उद्योगपति अनिल अंबानी की समूह कंपनी रिलायंस पावर लिमिटेड (आरपीएल) के मुख्य वित्तीय अधिकारी अशोक पाल को 68 करोड़ रुपये की कथित फर्जी बैंक गारंटी और जाली इनवाइसिंग (Reliance Power CFO Arrest) से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के बाद उन्हें प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया। शनिवार को उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से दो दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया। हिरासत समाप्त होने पर 13 अक्टूबर को उन्हें विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया जाएगा।
यह मामला रिलायंस पावर की सहायक कंपनी रिलायंस एनयू बीईएसएस (बेस) लिमिटेड द्वारा सोलर एनर्जी कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) को जमा की गई 68.2 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी से जुड़ा है, जो बाद में फर्जी पाई गई (Reliance Power CFO Arrest)। यह कंपनी पहले महाराष्ट्र एनर्जी जेनरेशन लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी। जांच एजेंसियों के अनुसार, आरोपित कंपनी व्यावसायिक समूहों को “फर्जी बैंक गारंटी” मुहैया कराने का रैकेट चला रही थी। ईडी ने इस आरोपित संस्था की पहचान ओडिशा स्थित बिस्वाल ट्रेडलिंक के रूप में की है।
ईडी ने अगस्त में कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ छापेमारी की थी, जिसके बाद प्रबंध निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार किया गया। सूत्रों के अनुसार, अशोक पाल ने इस कथित रैकेट में धन हस्तांतरण और वित्तीय दस्तावेजों की स्वीकृति (Reliance Power CFO Arrest) में अहम भूमिका निभाई थी। कंपनी बोर्ड ने उन्हें एसईसीआई के बीईएसएस टेंडर से जुड़े सभी दस्तावेजों को अंतिम रूप देने और हस्ताक्षर करने का अधिकार दिया था। जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी ने मनीला (फिलीपींस) स्थित फर्स्टरैंड बैंक की बैंक गारंटी प्रस्तुत की थी, जबकि उस बैंक की वहां कोई शाखा मौजूद नहीं है।
मनी लांड्रिंग का यह केस दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा नवंबर 2024 में दर्ज प्राथमिकी से जुड़ा है। आरोप है कि कंपनी आठ प्रतिशत कमीशन पर “फर्जी बैंक गारंटी” जारी करने में शामिल थी। रिलायंस समूह ने तब बयान जारी कर कहा था कि रिलायंस पावर इस मामले में “धोखाधड़ी की साजिश का शिकार” हुई है और उसने सात नवंबर 2024 को स्टॉक एक्सचेंज में इसकी आधिकारिक जानकारी दी थी। साथ ही, समूह ने अक्टूबर 2024 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में आरोपित तीसरे पक्ष के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी।