Reliance Future Deal : फ्यूचर रिटेल के सिक्योर्ड क्रेडिटर्स ने खारिज की रिलायंस से डील
![Reliance Future Deal: Secured creditors of Future Retail rejected the deal with Reliance](https://navpradesh.com/wp-content/uploads/2022/04/3-7.jpg)
Reliance Future Deal
नई दिल्ली। Reliance Future Deal : रिलायंस के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को लेकर फ्यूचर ग्रुप को बड़ा झटका लगा है। किशोर बियानी की फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के सिक्योर्ड क्रेडिटर्स ने सौदे को बहुमत से खारिज कर दिया है। एफआरएल ने शुक्रवार को शेयर बाजार को दी गई जानकारी में बताया कि 69.29 प्रतिशत सिक्योर्ड क्रेडिटर्स ने रिलायंस रिटेल के साथ हुए करार पर असहमति जताई है। सिर्फ 30.71 प्रतिशत सिक्योर्ड क्रेडिटर्स इसके पक्ष में रहे।
सौदे को आगे बढ़ाने के लिए सिक्योर्ड क्रेडिटर्स का पूरा नहीं मिला सपोर्ट
एफआरएल और रिलायंस रिटेल (Reliance Future Deal) के बीच हुए सौदे को 75 प्रतिशत से ज्यादा शेयरधारकों एवं अनसिक्योर्ड क्रेडिटर्स का समर्थन मिला है। कंपनी के 85.94 प्रतिशत शेयरधारकों 78.22 प्रतिशत अनसिक्योर्ड क्रेडिटर्स ने इसके पक्ष में मतदान किया है। लेकिन इस सौदे को आगे बढ़ाने के लिए सिक्योर्ड क्रेडिटर्स का कम से कम 75 प्रतिशत समर्थन हासिल करना था, जो नहीं मिल पाया है।
82.75 प्रतिशत सिक्योर्ड क्रेडिटर्स ने सौदे के खिलाफ मत दिया
फ्यूचर लाइफस्टाइल फैशन लिमिटेड ने भी बताया कि उसके 82.75 प्रतिशत सिक्योर्ड क्रेडिटर्स ने सौदे के खिलाफ मत दिया है। इस कंपनी को भी शेयरधारकों एवं अनसिक्योर्ड क्रेडिटर्स की तरफ से सौदे के लिए बहुमत में समर्थन मिला है। उल्लेखनीय है कि फ्यूचर ग्रुप की कई कंपनियों ने इस हफ्ते अपने शेयरधारकों, सिक्योर्ड एवं अनसिक्योर्ड क्रेडिटर्स की बैठक बुलाई थी।
19 कंपनियों को रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचा जाना है
इस बैठक में रिलायंस रिटेल (Reliance Future Deal) के साथ विलय संबंधी सौदे पर मुहर लगाने का प्रस्ताव था। फ्यूचर ग्रुप ने अगस्त, 2020 में इस सौदे की घोषणा करते हुए कहा था कि खुदरा, थोक, लाजिस्टिक एवं भंडारण क्षेत्र में सक्रिय उसकी 19 कंपनियों को रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड के हाथों बेचा जाएगा। अमेरिकी ई-कामर्स कंपनी अमेजन इस सौदे का लगातार विरोध करती रही है। उसका कहना है कि यह सौदा वर्ष 2019 में उसके साथ हुए फ्यूचर के 1,500 करोड़ रुपये के निवेश समझौते का उल्लंघन है।