Reduce Accidents : रोड सेफ्टी सीरीज+सड़क सुरक्षा मितान+लघु फिल्म फेस्टिवल+अन्य आयोजन= सड़क दुर्घटनाओं में हुआ इतना नियंत्रण…विस्तार से जानें बैठक की बातें..
रायपुर/नवप्रदेश। Reduce Accidents : सड़क सुरक्षा श्रृंखला+ सड़क सुरक्षा मितान+ लघु फिल्म महोत्सव सहित सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यक्रमों के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सका। दरअसल, यह बात सड़क सुरक्षा को लेकर गठित कमेटी की बैठक में सामने आई।
मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक सम्पन्न हुई। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि सड़क दुर्घटना नहीे हो इसके लिए समुचित प्रयास हो।
उन्होंने सड़क सुरक्षा के लिए व्यापक प्रबंधन (Reduce Accidents) करने कार्ययोजना के तहत कार्यवाही करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। मुख्य सचिव ने कहा है कि सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को जानने के लिए विश्लेषण किया जाना चाहिए। जैन ने जिला स्तर पर सड़क सुरक्षा समिति की बैठक नियमित रूप से आयोजित करने और सड़क सुरक्षा के संबंध में कार्यवाही के प्रगति की समीक्षा करने के निर्देश दिए है।
बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के नियंत्रण के उपाय और प्रयास तथा सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाने के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में सड़क सुरक्षा के परिदृश्य में अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) पुलिस मुख्यालय परिसर नवा रायपुर द्वारा सड़क दुर्घटना नियंत्रण हेतु प्रयास एवं भावी कार्य योजना का प्रस्तुतीकरण दिया गया। बैठक में डी.जी.पी. अशोक जुनेजा एवं परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा भी शामिल हुए।
इस साल की शुरुआत से अब तक की रिपोर्ट
सड़क सुरक्षा परिदृश्य के संबंध में अंतर्विभागीय लीड ऐजेंसी (सड़क सुरक्षा) के अधिकारियों ने दुर्घटना नियंत्रण के प्रयासों और कार्ययोजना के संबंध में बताया-
राज्य में इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर 2022 तक करीब 3 लाख 8 हजार 559 यातायात नियमों के उल्लंघन के प्रकरणों पर 11 करोड़ 74 लाख 54 हजार 690 रूपए की वसूली चालानी कार्यवाही की गई। परिवहन विभाग द्वारा 6 लाख 48 हजार 430 वसूली चालानी की कार्यवाही की गई। इससे दुर्घटनाओं के नियंत्रण के प्रयास किए गए। इसी तरह से वर्ष 2021 में सड़क दुर्घटनाओं के नियंत्रण हेतु जागरूकता के 4458 कार्यक्रम राज्य भर में आयोजित हुए। इसमें करीब 11 लाख 77 हजार 700 लोगों ने भागीदारी की।
जागरूकता कार्यक्रम में रोड सेफ्टी वर्ड क्रिकेट सीरीज, सड़क सुरक्षा मितान, सड़क सुरक्षा आधारित लघु फिल्म फेस्टिवल, सड़क सुरक्षा आधारित गीत, एनसीसी, स्काउड गाईड के सहयोग से व्यापक जागरूकता सहित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
पाठ्यक्रम में तैयार किया गया सड़क सुरक्षा सिलेबस
लीड ऐजेंसी सड़क सुरक्षा द्वारा छत्तीसगढ़ शिक्षा मण्डल के पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा के लिए कक्षा तीन से 10वीं के बच्चों के लिए प्रश्न बैंक एवं प्रायोजना तैयार की जा रही है। परिमार्जन सहित परीक्षाओं में सड़क सुरक्षा से संबंधित प्रश्नों को शामिल किए जाने हेतु पहल की जाएगी। एनसीसी, स्काउड गाईड को उनके कैम्पों में सड़क सुरक्षा के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसी तरह से इस वर्ष राज्य के विभिन्न दुर्घटना के करीब 104 ब्लैक स्पॉटस में से 50 में सुधार कार्य पूर्ण कर लिया गया है और 54 कार्य प्रगति पर है। सड़क जक्शनों के 3972 में से 1981 सुधार कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसी तरह से 23 ट्रक ले बाय, 272 बस ले बाय, चार रेस्ट एरिया का कार्य पूर्ण कर लिया गया। शेष निर्माण कार्य शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जाएगा।
सड़क दुर्घटनाओं के कारणों के विश्लेषण के लिए इटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटा बेस के क्रियान्वयन के लिए परिवहन, स्वास्थ्य, लोक निर्माण विभाग सहित अन्य निर्माण विभाग द्वारा ऐजेंसी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। ड्राइविंग एवं प्रशिक्षण संस्थान में यातायात पुलिस कर्मियों एवं वाहन चालकों को प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सतत् रूप से जारी रहेगा।
सड़क दुर्घटनाएं रोकने और समुचित प्रयास
सड़क सुरक्षा के प्रबंधन हेतु सड़क सुरक्षा मद से यातायात तथा पुलिस कर्मियों के लिए गर्मी एवं वर्षा से बचाव हेतु रेंज अंब्रेला, रिफ्लेक्टिव जैकेट, ब्रीथ एनालाईजर, स्पीड रॉडार गन, ट्राफिक ब्लिंकर कोलेप्सेबल रोड स्टापर, बैरिकेट्स, इंटरसेप्टर, टो,क्रैश, रिकव्हरी व्हीकल, हाईवे पेट्रोलिंग उपकरणों सहित, एल.ई.डी. वाल आदि का प्रबंध किया जा रहा है।
बैठक में सर्वाधिक दुर्घटनाओं वाले सात जिले रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, रायगढ़, जांजगीर-चांपा एवं कोरबा के समग्र सड़क सुरक्षा परिदृश्य के संबंध में संबंधित जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा विस्तार से जानकारी दी गई।
बैठक में ट्रामा सेंटर के संबंध में जानकारी दी गई कि राज्य के विभिन्न जिलों में संचालित सात मेडिकल कॉलेज और जिला चिकित्सालयों में अलग-अलग स्तर पर ट्रामा सेंटर का उन्नयन किया जा रहा है। इसी तरह से राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा, बालोद, धमतरी में सिटी स्कैन मशीन की स्थापना हेतु बजट में आठ करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
सड़क दुर्घटनाओं में घायलों के उपचार के लिए सभी मेडिकल कॉलेज एवं जिला चिकित्सालयों में निःशुल्क सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। बैठक में परिवहन विभाग के सचिव एस.प्रकाश सहित सभी संभागायुक्त, आईजी और जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित पुलिस एवं परिवहन विभाग (Reduce Accidents) के अधिकारी शामिल हुए।