Real Estate PE Investment 2025 : रियल एस्टेट में प्राइवेट इक्विटी निवेश 29% घटा, 3.46 अरब डॉलर पर सिमटा
Real Estate PE Investment 2025
कैलेंडर वर्ष 2025 भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर के लिए प्राइवेट इक्विटी निवेश के लिहाज से अपेक्षाकृत कमजोर रहा है। रियल एस्टेट क्षेत्र में प्राइवेट इक्विटी निवेश (Real Estate PE Investment 2025) इस वर्ष 29 प्रतिशत की गिरावट के साथ घटकर 3.46 अरब डॉलर रह गया है। रियल एस्टेट कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक इंडिया की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक निवेश में यह कमी मुख्य रूप से आवासीय और वेयरहाउसिंग परियोजनाओं में कमजोर फंड फ्लो के कारण दर्ज की गई है।
आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में रियल एस्टेट सेक्टर में कुल 4.9 अरब डॉलर का प्राइवेट इक्विटी निवेश हुआ था, जबकि 2018 में यह निवेश अपने अब तक के सर्वोच्च स्तर 6.73 अरब डॉलर तक पहुंचा था। इसके मुकाबले 2025 का प्रदर्शन निवेश धारणा में सतर्कता और चुनिंदा परिसंपत्ति वर्गों तक सीमित रुचि को दर्शाता है।
निवेशकों की रणनीति में दिखी सतर्कता
नाइट फ्रैंक इंडिया की ओर से रविवार को जारी विश्लेषण में कहा गया है कि वर्ष 2025 के दौरान प्राइवेट इक्विटी निवेशक रियल एस्टेट सेक्टर में अधिक सतर्क नजर आए। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, ब्याज दरों का ऊंचा स्तर और चुनिंदा एसेट क्लास में रिटर्न को लेकर स्पष्टता की कमी के चलते निवेशकों ने बड़े पैमाने पर जोखिम लेने से परहेज किया।
हालांकि कुल निवेश में गिरावट के बावजूद Real Estate PE Investment 2025 की संरचना में एक अहम बदलाव देखने को मिला है। निवेश अब व्यापक रूप से फैले रहने के बजाय कुछ विशेष सेगमेंट पर केंद्रित होता दिखा, जिससे यह साफ होता है कि फंड मैनेजर गुणवत्ता वाली और स्थिर आय देने वाली परिसंपत्तियों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
ऑफिस सेगमेंट बना निवेश का केंद्र
रिपोर्ट के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2025 में कार्यालय (ऑफिस) संपत्तियों में प्राइवेट इक्विटी निवेश में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस सेगमेंट में पीई फंड का प्रवाह 1.85 अरब डॉलर से बढ़कर लगभग 2 अरब डॉलर हो गया। कुल मिलाकर, ऑफिस सेगमेंट ने इस वर्ष रियल एस्टेट में हुए कुल प्राइवेट इक्विटी निवेश का 58 प्रतिशत हिस्सा आकर्षित किया।
विशेषज्ञों का मानना है कि आईटी, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) और संगठित कॉर्पोरेट मांग के कारण ऑफिस स्पेस की मांग मजबूत बनी हुई है। दीर्घकालिक लीज, स्थिर कैश फ्लो और बेहतर पारदर्शिता के चलते ऑफिस एसेट्स को निवेशकों ने अपेक्षाकृत सुरक्षित विकल्प के रूप में देखा, जिससे Real Estate PE Investment 2025 में यह सेगमेंट सबसे आगे रहा।
रिटेल रियल एस्टेट में वापसी
एक और अहम रुझान रिटेल रियल एस्टेट सेगमेंट में देखने को मिला। वर्ष 2025 में रिटेल रियल एस्टेट ने 37.4 करोड़ डॉलर का प्राइवेट इक्विटी निवेश आकर्षित किया, जबकि 2024 में इस सेगमेंट में निवेश लगभग शून्य रहा था।
मॉल्स, हाई-स्ट्रीट रिटेल और अनुभव आधारित रिटेल स्पेस में उपभोक्ता गतिविधियों के बढ़ने से निवेशकों का भरोसा धीरे-धीरे लौटता दिख रहा है। महामारी के बाद खपत में आई मजबूती और संगठित रिटेल की बढ़ती हिस्सेदारी ने रिटेल रियल एस्टेट को फिर से निवेश के नक्शे पर ला दिया है।
आवास और वेयरहाउसिंग में तेज गिरावट
जहां ऑफिस और रिटेल सेगमेंट में कुछ सकारात्मक संकेत मिले, वहीं आवासीय और वेयरहाउसिंग संपत्तियों में प्राइवेट इक्विटी निवेश में तेज गिरावट दर्ज की गई।
आवासीय रियल एस्टेट में 2025 के दौरान केवल 57.6 करोड़ डॉलर का पीई निवेश हुआ, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 1.17 अरब डॉलर था। बढ़ती निर्माण लागत, चुनिंदा शहरों तक सीमित मांग और डेवलपर्स की फंडिंग संरचना में बदलाव के चलते निवेशकों ने इस सेगमेंट में अपेक्षाकृत सतर्क रुख अपनाया।
वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स पार्कों में गिरावट और भी ज्यादा स्पष्ट रही। वर्ष 2025 में इस सेगमेंट में केवल 51 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ, जबकि 2024 में यह 1.87 अरब डॉलर था। विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले वर्षों में तेज निवेश के बाद इस सेगमेंट में फिलहाल ठहराव का दौर चल रहा है, जिससे Real Estate PE Investment 2025 के आंकड़े प्रभावित हुए हैं।
2026 को लेकर सकारात्मक अनुमान
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन शिशिर बैजल ने कहा कि वर्ष 2025 भले ही रियल एस्टेट प्राइवेट इक्विटी निवेश के लिए चुनौतीपूर्ण रहा हो, लेकिन आगे का परिदृश्य अपेक्षाकृत बेहतर नजर आ रहा है। उनके अनुसार, 2026 में प्राइवेट इक्विटी निवेश में लगभग 28 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है और यह बढ़कर 4.4 अरब डॉलर के स्तर तक पहुंच सकता है।
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे ब्याज दरों में स्थिरता आएगी, आर्थिक गतिविधियों में तेजी लौटेगी और डेवलपर्स की बैलेंस शीट मजबूत होगी, वैसे-वैसे निवेशकों का भरोसा भी रियल एस्टेट सेक्टर में दोबारा बढ़ेगा। खासतौर पर ऑफिस और रिटेल सेगमेंट 2026 में भी निवेश का प्रमुख केंद्र बने रह सकते हैं।
