RCB Victory Parade Stampede 2025 : जॉब इंटरव्यू के बहाने घर से निकला प्रज्वल… जब चिन्नास्वामी की भीड़ में बुझ गईं प्रज्वल और सहाना की सांसें…

बेंगलुरु, 5 जून| RCB Victory Parade Stampede 2025 : आईपीएल 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की ऐतिहासिक जीत का जश्न उस समय शोक में बदल गया, जब एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई। यह सिर्फ एक हादसा नहीं था, यह सपनों, परिवारों और भविष्य की चुपचाप टूटती हुई आवाजें थीं।
“जॉब इंटरव्यू” के बहाने निकला प्रज्वल, लाश बनकर लौटा
चिंतामणि निवासी प्रज्वल ने अपने परिजनों को बताया कि वह बेंगलुरु एक निजी कंपनी में इंटरव्यू के लिए जा रहा है। लेकिन असल में वह आरसीबी के चैंपियन बनने की विजय परेड देखने गया था।
परिजनों को उसके जाने की सच्चाई तब पता चली जब मीडिया पर मृतकों की सूची में उसका नाम देखा। एक मां का बेटा, जो नौकरी की उम्मीद लेकर निकला (RCB Victory Parade Stampede 2025)था, स्टेडियम के बाहर भीड़ में दम तोड़ गया।
फ्रीजर के लिए संघर्ष करती सहाना की मां की आंखों में सवाल
कोलार की रहने वाली सहाना की भी मौत भगदड़ में हो गई। दुख की बात यह रही कि सरकारी तंत्र ने उनकी मौत के बाद भी मानवीय संवेदनाओं की कद्र नहीं की।
परिजनों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने शव को सुरक्षित कोलार ले जाने के लिए फ्रीजर तक मुहैया नहीं कराया। अस्पताल में काफी हंगामा करने के बाद ही उन्हें सुविधा मिली। सहाना के पिता ने कहा:
“एक बेटी को खोना ही कम नहीं (RCB Victory Parade Stampede 2025)था, हम उसके शव को सम्मान से घर भी नहीं ले जा सके।”
प्रशासनिक लापरवाही और जांच के आदेश
राज्य सरकार ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं और 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि स्टेडियम की क्षमता 35,000 है, लेकिन भीड़ 2 से 3 लाख के पार पहुंच गई। लोगों ने स्टेडियम के गेट तक तोड़ (RCB Victory Parade Stampede 2025)दिए। पूरी बेंगलुरु पुलिस तैनात थी, फिर भी भीड़ की गलत आकलन और नियंत्रित व्यवस्था का अभाव साफ दिखा।
कहानी का मर्म
यह खबर उस लापरवाही, अधूरी तैयारी और संवेदनहीनता की कहानी है, जो हर बार किसी जश्न के बाद चर्चा में आती है – लेकिन समय के साथ भुला दी जाती है। सहाना और प्रज्वल सिर्फ आंकड़े नहीं थे – वे किसी के सपने, किसी की संतान थे।