RBI repo rate cut 2025 : रेपो रेट में कटौती के बाद RBI की दो टूक…अब ग्राहकों तक पहुंचे सस्ती EMI की राहत…

RBI repo rate cut 2025 : रेपो रेट में कटौती के बाद RBI की दो टूक…अब ग्राहकों तक पहुंचे सस्ती EMI की राहत…

नई दिल्ली, 26 जून| RBI Repo Rate Cut 2025 : भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सभी बैंकों को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा है कि वे 0.50% की नीतिगत दर कटौती का सीधा लाभ अपने ग्राहकों को तुरंत दें। यानी अब बैंकों को अपनी लोन दरों में तेजी से कटौती करनी होगी, ताकि आम उपभोक्ता को EMI में राहत मिल सके।

RBI के जून बुलेटिन में प्रकाशित ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ विषयक एक विश्लेषणात्मक लेख में यह सुझाव सामने आया है, जो बताता है कि वित्तीय स्थितियां फिलहाल ब्याज दर ट्रांसमिशन के लिए बेहद अनुकूल हैं।

क्या कहा गया RBI के बुलेटिन में?

लेख में बताया गया है कि:

फरवरी और अप्रैल 2025 के दौरान रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती की गई थी। इस कटौती का असर बैंकों की Repo-Linked Lending Rates (EBLR) और Marginal Cost Lending Rate (MCLR) पर पड़ा है। बैंकों की औसत लोन दरों में 6 से 17 बीपीएस की कमी आई (RBI Repo Rate Cut 2025)है। वहीं, जमा दरों में भी गिरावट आई है — नई जमाओं पर 27 बीपीएस और बकाया पर 1 बीपीएस तक।

किसको कितना फायदा हुआ?

SBI, HDFC, बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे बड़े बैंकों ने रेपो दर में कटौती के चंद दिनों के भीतर ही अपनी लोन दरों को संशोधित कर दिया। लेकिन कई बैंक अभी भी ट्रांसमिशन में देरी कर रहे हैं। RBI अब उन्हें स्पष्ट रूप से कह रहा है कि पॉलिसी कटौती का वास्तविक फायदा ग्राहकों तक पहुँचना चाहिए।

सीआरआर में भी आई बड़ी राहत

RBI ने न केवल रेपो दर में कटौती की, बल्कि Cash Reserve Ratio (CRR) में भी 100 आधार अंकों की छूट दी है। इससे दिसंबर 2025 तक बैंकिंग सिस्टम में 2.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त लिक्विडिटी उपलब्ध हो जाएगी। इसका मकसद (RBI Repo Rate Cut 2025)है – बैंकों के पास पैसा हो, ताकि वे सस्ता कर्ज दे सकें।

RBI की चेतावनी

RBI ने यह स्पष्ट किया है कि बुलेटिन लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखकों के व्यक्तिगत विश्लेषण हैं। लेकिन इन बिंदुओं को केंद्रीय बैंक द्वारा प्रकाशित किया जाना इस बात का संकेत है कि नीतिगत दरों का लाभ लोगों तक तेज़ी से नहीं पहुंच रहा और सुधार की गुंजाइश अभी बाकी है।

उपभोक्ताओं के लिए क्या मायने रखता है ये सब?

होम लोन, ऑटो लोन और एजुकेशन लोन की EMI में कमी संभव

ब्याज दर घटने से खपत और कर्ज लेने की प्रवृत्ति (RBI Repo Rate Cut 2025)बढ़ेगी

बैंकों पर ट्रांसपेरेंसी और स्पीड का दबाव बढ़ेगा

आने वाले महीनों में निवेश और MSME फंडिंग को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद

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