Ravishankar Sagar Dam : गंगरेल बांध 90% क्षमता तक भरा…गेट खोलने की उलटी गिनती शुरू…

Ravishankar Sagar Dam
Ravishankar Sagar Dam : धमतरी जिले के लिए राहत की सौगात लेकर आई बारिश ने गंगरेल बांध को लबालब कर दिया है। (Gangrel Dam Water Level) बांध इस समय अपनी कुल क्षमता का लगभग 90 प्रतिशत भर चुका है। इसमें फिलहाल 29.467 टीएमसी पानी संग्रहित है और प्रति सेकंड 7933 क्यूसेक पानी की निरंतर आवक बनी हुई है। यदि यह रफ्तार कायम रही तो प्रशासन किसी भी समय बांध के गेट खोलने का निर्णय ले सकता है।
गंगरेल बांध, जिसे रवीशंकर जलाशय भी कहा जाता है, एशिया के सबसे बड़े मानव निर्मित बांधों में से एक है। इसकी कुल क्षमता 32.150 टीएमसी है, जिसमें से 24.396 टीएमसी पानी उपयोगी है। शेष लगभग 5 टीएमसी पानी डेड स्टोरेज में रहता है, जिसे निकाला नहीं जा सकता। अब बांध को पूरी तरह भरने के लिए केवल 2 टीएमसी पानी की जरूरत है।
सिर्फ गंगरेल ही नहीं, बल्कि जिले के अन्य प्रमुख जलाशयों में भी जलस्तर(Ravishankar Sagar Dam) लगातार बढ़ रहा है।
मुरूमसिल्ली बांध – क्षमता 5.839 टीएमसी, वर्तमान जलभराव 4.061 टीएमसी (68%)
दुधावा बांध – क्षमता 10.192 टीएमसी, वर्तमान जलभराव 4.662 टीएमसी (44.87%)
सोंढूर बांध – क्षमता 6.995 टीएमसी, वर्तमान जलभराव 4.027 टीएमसी (69%)
किसानों के लिए राहत
इस साल की बारिश से धान की फसल को बड़ी राहत मिली है। पिछले वर्ष (2024) जब बांध में मात्र 27.988 टीएमसी पानी था, तब किसानों की मांग पर 25 अगस्त को गंगरेल बांध के दो गेट खोलकर 5462 क्यूसेक सिंचाई पानी छोड़ा गया था। उस समय सूखे का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन इस वर्ष अब तक का जलस्तर किसानों के लिए उम्मीदों की किरण लेकर आया है।
गांवों और कस्बों में चर्चा है कि यदि लगातार बारिश जारी रही तो बांध का जलस्तर(Ravishankar Sagar Dam) रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है। लोग गेट खुलने की तारीख को लेकर उत्सुक हैं, क्योंकि इसका सीधा असर न सिर्फ सिंचाई पर बल्कि पीने के पानी और बिजली उत्पादन पर भी पड़ता है।