दूसरे देश नहीं बता सकते भारतीयों का हाल

दूसरे देश नहीं बता सकते भारतीयों का हाल

  • भारत ने धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी रिपोर्ट को किया खारिज

नईदिल्ली । भारत ने अमेरिकी विदेश विभाग की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट को खारिज किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के नागरिकों के संविधान द्वारा संरक्षित अधिकारों पर टिप्पणी का कोई औचित्य नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां एक बयान में कहा कि भारत को अपनी धर्म निरपेक्षता की विश्वसनीयता, सबसे बड़े लोकतंत्र तथा लंबे अर्से से चले आ रहे सहिष्णु एवं समावेशी समाज पर गर्व है।

कुमार ने कहा कि भारत का संविधान अल्पसंख्यकों सहित अपने सभी नागरिकों को मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है। इस बात को हर कहीं मान्यता दी गयी है कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है जहां संविधान धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार तथा लोकतांत्रिक शासन एवं देश का कानून मौलिक अधिकारों का संरक्षण एवं संवर्धन करता है। हम अपने नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों में किसी अन्य देश का हस्तक्षेप नहीं बर्दाश्त करेंगे। प्रवक्ता ने कहा कि एक विदेशी संस्था द्वारा हमारे नागरिकों के संविधान संरक्षित अधिकारों की स्थिति पर टिप्पणी करने का कोई औचित्य नहीं है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने अपनी वार्षिक 2018 अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए। रिपोर्ट में कहा गया कि, हिंसक चरमपंथी हिंदू समूहों द्वारा अल्पसंख्यकों समुदायों, विशेष रूप से मुसलमानों के खिलाफ भीड़ पर हमला, अफवाह के दौरान पीडि़तों ने गायों को मारने या मारने की अफवाहों के बीच पूरे साल जारी रखा। बता दें यह रिपोर्ट अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट, माइकल आर. पोम्पेयो के भारत दौरे से पहले आई है। अपनी यात्रा के दौरान, वह विदेश मंत्री के साथ बातचीत करेंगे और भारत सरकार के अन्य गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात करेंगे।

JOIN OUR WHATS APP GROUP

डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed