Rape Case Verdict : बेटे ने दी गवाही, फास्टट्रैक कोर्ट ने पिता को सुनाई उम्रकैद

Rape Case Verdict : बेटे ने दी गवाही, फास्टट्रैक कोर्ट ने पिता को सुनाई उम्रकैद

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Rape Case Verdict : बेटे ने दी गवाही, फास्टट्रैक कोर्ट ने पिता को सुनाई उम्रकैदफास्टट्रैक कोर्ट 41 पीयूष सिद्धार्थ की अदालत ने मां से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को उम्रकैद और 35 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि मां से ऐसा घृणित कृत्य करने वाला पुत्र किसी भी तरह की सहानुभूति का अधिकारी नहीं है। यह फैसला (Rape Case Verdict) मात्र छह माह में सुनाया गया। जुर्माने की आधी धनराशि पीड़िता को दी जाएगी और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से क्षतिपूर्ति की संस्तुति भी की गई है।

इस मामले में अभियुक्त के खिलाफ बेटे ने ही गवाही दी थी। कोर्ट ने कहा कि शराब के नशे में भी ऐसा घिनौना विचार किसी पुत्र के मन में नहीं आ सकता। अभियुक्त ने सामाजिक मर्यादा को तोड़कर सगी मां के साथ दुष्कर्म किया, इसलिए वह किसी दया या सहानुभूति का हकदार नहीं है (Rape Case Verdict)।

मामला नौ मार्च, 2025 का है। जब पीड़िता घर पर अकेली थी, तभी उसका बेटा चाकू लेकर आया और दरवाजा बंद कर मारपीट की। इसके बाद उसने नशे की हालत में दुष्कर्म किया। किसी तरह पीड़िता कमरे से बाहर निकली और रोने लगी। उसी समय बीएससी में पढ़ने वाला उसका पौत्र घर आया। पीड़िता ने सारी घटना उसे बताई। पौत्र ने तत्काल यूपी-112 पर कॉल कर पुलिस बुला ली। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर आरोपी को गिरफ्तार किया (Rape Case Verdict)।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि इस मामले में गवाहों और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने छह माह में ही विचारण पूरा कर सजा सुनाई। 18 मार्च को चार्जशीट कोर्ट भेजी गई और 19 जून को आरोप तय हुए। इसके बाद पीड़िता, उसके पौत्र समेत चार गवाह अदालत में पेश किए गए। इन सबूतों और गवाही के आधार पर अदालत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई (Rape Case Verdict)।

यह फैसला (Rape Case Verdict) न केवल त्वरित न्याय का उदाहरण है बल्कि यह भी दर्शाता है कि गंभीर अपराधों में कोर्ट किस तरह सख्त रुख अपनाती है।

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