Ranjit Kashyap Martyr : मणिपुर में उग्रवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुआ बस्तर का बेटा रंजीत कश्यप…अंतिम यात्रा में उमड़ा सैलाब…

Ranjit Kashyap Martyr : मणिपुर में उग्रवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुआ बस्तर का बेटा रंजीत कश्यप…अंतिम यात्रा में उमड़ा सैलाब…

Ranjit Kashyap Martyr

Ranjit Kashyap Martyr

Ranjit Kashyap Martyr : मणिपुर के विष्णुपुर जिले में हुए उग्रवादी हमले ने बस्तर (Ranjit Kashyap Martyr) को गहरे ग़म में डुबो दिया। 33 असम राइफल्स के जवान रंजीत सिंह कश्यप इस हमले में शहीद हो गए। सोमवार को उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटकर गृहग्राम बालेंगा लाया गया। जैसे ही तिरंगे में लिपटा शव गांव पहुंचा, पूरा इलाका “शहीद रंजीत अमर रहें” के नारों से गूंज उठा। ग़म और गर्व से हर आंख नम दिखाई दी।

नेताओं और अधिकारियों ने दी श्रद्धांजलि

शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान मंत्री केदार कश्यप (Ranjit Kashyap Martyr), स्थानीय विधायक लखेश्वर बघेल, कलेक्टर हरीश एस और एसपी शलभ सिन्हा भी मौजूद रहे। सभी ने शहीद रंजीत को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।

इकलौता बेटा, तीन बेटियों के सिर से उठा पिता का साया

2016 में असम राइफल्स से जुड़ने वाले रंजीत अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। शहीद की शहादत (Ranjit Kashyap Martyr) से पत्नी और तीन बेटियां बेसहारा हो गईं। इनमें से सबसे छोटी बेटी अभी महज़ चार महीने की है। यह क्षति परिवार ही नहीं, पूरे बस्तर क्षेत्र के लिए अपूरणीय है।

अधूरा वादा

गांव वालों ने बताया कि कुछ ही सप्ताह पहले रंजीत छुट्टी पर घर आए थे। उन्होंने पत्नी से वादा किया था कि अगली बार लंबी छुट्टी में आएंगे और बेटी का नामकरण करेंगे। लेकिन किस्मत को कुछ और मंज़ूर था। इस बार वे लौटे भी तो तिरंगे में लिपटे हुए।

बचपन से ही मिलनसार और मददगार

गांव के लोग रंजीत को बचपन से ही मिलनसार और मददगार इंसान मानते थे। देश सेवा की लगन उनमें हमेशा रही। शहादत ने पूरे गांव को गर्व से भर दिया है, लेकिन साथ ही गहरे शोक में डुबो दिया है।

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