देश के टॉप 10 सबसे अमीर मंदिरों की लिस्ट में राम मंदिर; कितने करोड़ का दिया है दान?
-राम मंदिर में रोजाना एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए आ रहे
richest temples of india: जनवरी 2024 में रामलला को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में विराजमान किया गया। इसके बाद से हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु राम लला के दर्शन के लिए अयोध्या राम मंदिर आ रहे हैं। ये संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। बताया जाता है कि 180 दिनों में करीब 11 करोड़ श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने रामलला के दर्शन किये।
इस क्षेत्र में सिर्फ राम मंदिर ही नहीं बल्कि कई मंदिर बनने वाले हैं। करीब 70 एकड़ में विकसित हो रहे राम मंदिर परिसर में कुल 18 मंदिर बनने हैं। इसमें महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि अगस्त्य, माता भगवती, निषादराज, अहिल्या, शबरी, तुलसीदास आदि के मंदिर शामिल होंगे। इसके अलावा एक संग्रहालय, ट्रस्ट कार्यालय और गेस्ट हाउस का निर्माण किया जाएगा।
देशभर से कई मशहूर हस्तियां और नेता रामलला (richest temples of india) के दर्शन कर चुके हैं। विदेशों में रहने वाले हजारों प्रवासी भारतीय भी राम मंदिर के दर्शन कर चुके हैं। राम मंदिर का भव्य स्वरूप देखने के लिए सिर्फ श्रद्धालु ही नहीं बल्कि लाखों पर्यटक भी उमड़ते नजर आ रहे हैं। राम मंदिर के शीर्ष 10 सबसे अमीर मंदिरों की सूची में शामिल होने का दावा किया गया है।
भगवान श्री राम अपने मंदिर में विराजमान हैं। तब से प्रतिदिन एक लाख से अधिक रामभक्त दर्शन कर रहे हैं। मंदिर निर्माण के लिए दिल से दान दे रहे हैं। कुछ ही महीनों में राम मंदिर की सालाना आय और दान राशि देश के अन्य मंदिरों के बराबर पहुंच गई है। ट्रस्ट से मिली जानकारी के मुताबिक अयोध्या राम मंदिर (richest temples of india) के लिए अब तक करीब 400 करोड़ रुपये का दान दिया जा चुका है। पिछले कुछ महीनों की तुलना में इसमें तेजी से बढ़ोतरी हुई है। बताया जाता है कि पिछले पांच साल में रामलला को विभिन्न माध्यमों से 55 अरब रुपये का दान मिला है, जबकि 13 क्विंटल चांदी और 20 किलो सोना भी मिला है।
उत्तर प्रदेश में काशी कॉरिडोर के बाद श्रद्धालुओं की संख्या और आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सात साल पहले भक्तों के दान की रकम करीब 20.14 करोड़ हुआ करती थी। हालाँकि अब काशी मंदिर को 86.79 करोड़ रुपये का दान मिलता है। काशी का अलग ही आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व और महात्म्य है।
आंध्र प्रदेश में तिरुमाला तिरुपति वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। करोड़ों भक्त भगवान वेंकटेश्वर बालाजी के दर्शन के लिए आते हैं। हर साल भक्तों द्वारा लगभग 1450 से 1600 करोड़ रुपये का दान दिया जाता है। साथ ही सोना-चांदी, विभिन्न वस्तुएं भी चढ़ाई जाती हैं।
केरल के कई मंदिर अपनी वास्तुकला, शिल्प कौशल और देवताओं की महिमा के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। पद्मनाभस्वामी मंदिर में हजारों श्रद्धालु आते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में भक्त एक साल में करीब 700 करोड़ का दान देते हैं। साथ ही सोना-चांदी, विभिन्न वस्तुएं भी चढ़ाई जाती हैं।
पंजाब के स्वर्ण मंदिर में पर्यटकों और श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। चारों तरफ पानी में डूबे इस भव्य मंदिर को देखने के लिए देश भर से लोग आते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में करीब 500 करोड़ का दान दिया जाता है।
जम्मू-कश्मीर कटरा स्थित वैष्णो देवी मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। भक्त अथक परिश्रम और परिश्रम से देवीचर्चा में लीन हो जाते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर को भक्तों से लगभग 400 करोड़ का दान मिलता है।
करोड़ों भक्तों का तीर्थ स्थान शिरडी का साईंबाबा मंदिर अमीर मंदिरों की सूची में आता है। हजारों की संख्या में भक्त साईं बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में भक्तों द्वारा लगभग 400 करोड़ का दान दिया जाता है।
ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर में भी भक्तों का रेला लगा रहता है। रथयात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। लेकिन हर दिन हजारों श्रद्धालु जगन्नाथ के दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर में आमतौर पर 230 से 240 करोड़ रुपए का दान भक्तों की ओर से होता था। इसके साथ ही सोना-चांदी, विभिन्न वस्तुएं भी दान की जाती हैं।
महाराष्ट्र के मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। सिद्धिविनायक मंदिर में हर दिन हजारों भक्त आते हैं और बप्पा के चरणों में शीश झुकाते हैं। सिद्धिविनायक मंदिर को 100 से 150 करोड़ रुपए का दान मिलता है। साथ ही सोना-चांदी, विभिन्न वस्तुएं भी दान की जाती हैं।
अक्षरधाम मंदिर अपनी वास्तुकला और भव्यता के लिए जाने जाते हैं। अक्षरधाम मंदिर देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं। नई दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में करीब 60 से 100 करोड़ रुपए का दान दिया जाता है। प्रतिदिन हजारों पर्यटक, श्रद्धालु यहां आते हैं और इसकी सुंदरता का आनंद लेते हैं।
गुजरात के सोमनाथ मंदिर में हमेशा भक्तों की भीड़ लगी रहती है। गुजरात के सोमनाथ मंदिर में एक साल में 50 से 100 करोड़ रुपये का दान दिया जाता है। साथ ही सोना-चांदी, विभिन्न वस्तुएं भी दान की जाती हैं।
(उक्त जानकारी सामान्य धारणाओं और धारणाओं पर आधारित है और इस संबंध में विशेषज्ञों से सलाह लेना उपयोगी हो सकता है।)