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Raktadaan Maha : प्रदेश के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्थापित होंगे ब्लड-बैंक

Raktadaan Maha: Blood-banks will be established in all the community health centers of the state

Raktadaan Maha

स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने किया रक्तदान माह का शुभारंभ

रायपुर/नवप्रदेश। Raktadaan Maha : लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर प्रचार-प्रसार रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने गुरूवार को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के अवसर पर रक्तदान माह का शुभारंभ किया। उन्होंने लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने सिविल लाइन स्थित अपने निवास कार्यालय से प्रचार-प्रसार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इन गलियों में घूमेंगे प्रचार रथ, करेंगे जागरुकता

प्रचार रथ रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग एवं भिलाई के प्रमुख हाट-बाजारों, मॉल्स, स्कूल एवं कॉलेजों में स्वैच्छिक रक्तदान (Raktadaan Maha) के लिए नागरिकों को जागरूक करेंगे। उल्लेखनीय है कि रक्तदान को बढ़ावा देने हर वर्ष 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष इसे “Give blood and keep the world beating” थीम पर मनाया जा रहा है।

9 ब्लड बैंक से पहुंचे 95 तक

स्वास्थ्य मंत्री ने रक्तदान माह का शुभारंभ करते हुए कहा कि सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को अक्टूबर माह को रक्तदान माह के रूप में मनाने तथा इस महीने अधिक से अधिक रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिए निर्देशित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्लड-बैंक स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य गठन के समय छत्तीसगढ़ में केवल नौ ब्लड-बैंक थे जो अब बढ़कर 95 हो गए हैं। प्रदेश के 28 जिलों में 31 शासकीय ब्लड-बैंक संचालित हैं। नवगठित गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में भी इस वर्ष शासकीय ब्लड-बैंक शुरू हो जाएगा।

हर साल 2 लाख 55 हजार यूनिट रक्त की जरूरत

श्री सिंहदेव ने कहा कि राज्य की आबादी के अनुसार हर वर्ष यहां दो लाख 55 हजार यूनिट रक्त (Raktadaan Maha) की जरूरत होती है। इसके विरूद्ध करीब दो लाख यूनिट की प्रतिपूर्ति हो रही है। ब्लड-बैंकों में रक्त का संकलन हर वर्ष बढ़ाया जा रहा है। रक्तदान माह के शुभारंभ कार्यक्रम में संचालक स्वास्थ्य सेवाएं-सह-परियोजना संचालक नीरज बंसोड़, अतिरिक्त परियोजना संचालक डॉ. एस.के. बिंझवार तथा आईईसी के संयुक्त संचालक अजय कुमार सिंह सहित छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति के अनेक पदाधिकारी मौजूद थे।

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