Raksha Bandhan 2024 Auspicious Time : रक्षाबंधन पर भद्रा और पंचक का साया, जानें शुभ मुहूर्त, क्या करें और क्या नहीं…

Raksha Bandhan 2024 Auspicious Time : रक्षाबंधन पर भद्रा और पंचक का साया, जानें शुभ मुहूर्त, क्या करें और क्या नहीं…

aksha Bandhan 2024 Auspicious Time :

aksha Bandhan 2024 Auspicious Time :

रायपुर/नवप्रदेश। Raksha Bandhan 2024 Auspicious Time : वैदिक पंचांग के मुताबिक श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को सुबह 3 बजकर 3 मिनट से शुरू हो रही है, जिसका अंत रात 11 बजकर 54 मिनट पर हो है। ऐसे में उदयातिथि को आधार मानते हुए रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त को ही मनाया जाएगा। रक्षाबंधन पर भद्रा और पंचक का साया है ऐसे में जानें शुभ मुहूर्त, क्या करें और क्या नहीं करें।

सब कुछ भाई-बहन के लिए राखी का त्योहार बेहद खास होता है। यह श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। सावन मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। पंडित यशवर्धन पुरोहित वैदिक पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है।

इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र यानि राखी बांधती है। भाई भी बहन की रक्षा करने का वचन देता है और साथ ही गिफ्ट भी देता है। आपको बता दें कि इस साल रक्षाबंधन का त्योहार इस बार 19 अगस्त 2024, सोमवार के दिन मनाया जाएगा। इस साल रक्षाबंधन पर 90 साल बाद 5 शुभ योग बन रहे हैं।

जिसमें रवि, सौभाग्य, सर्वार्थ सिद्धि, शौभन श्रवण नक्षत्र बनने जा रहा है। वहीं इस दिन त्रिग्रही योग, बुधादित्य योग, शश राजयोग और शुक्रादित्य राजयोग बन रहे हैं। जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। वहीं इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा। भद्रा 19 अगस्त की रात 2 बजकर 21 मिनट पर लग जाएगी। साथ ही भद्रा का समापन दोपहर 1 बजकर 30 पर होगा।

रक्षाबंधन 2024 भद्रा काल का समय

-रक्षाबंधन भद्रा अंत समय : दोपहर 01 बजकर 31 मिनट
-रक्षाबंधन भद्रा पूंछ : सुबह 09:51 – सुबह 10:53
-रक्षाबंधन भद्रा मुख : सुबह 10:53 – दोपहर 12:37

इस रंग की राखी नहीं बांधे

रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई को काले रंग के धागे से बनी राखी या काले रंग वाली राखी न बांधें। क्योंकि ज्योतिष में काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस रंग की राखी नहीं खरीदनी चाहिए।

राखी बांधते समय इस दिशा में हो भाई का मुख

राखी बांधते समय भाई का मुख पूरब और बहन का मुख पश्चिमी की ओर होना चाहिए। दाहिने हाथ की कलाई में राखी बांधना चाहिए।

रक्षाबंधन पर इन चीजों के सेवन से बचे

रक्षाबंधन के दिन घर पर मांस, मंदिरा या प्याज-लहसुन युक्त तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं इस दिन कुछ मीठा और शुद्ध व सात्विक भोजन का ही सेवन करना चाहिए।

एक कथा देवासुर संग्राम से भी जुड़ी है

पौराणिक कथा के अनुसार जब एक बार देवता और दानवों में भयंकर युद्ध छिड़ गया था तो युद्ध में जाते हुए देवराज इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने उन्हें रक्षा सूत्र बांध कर युद्ध में भेजा था। इससे इंद्र को कोई नुकसान नहीं हुआ था और विजयी होकर लौटे थे। तब से ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाने लगा।

रक्षाबंधन से जुड़ी कथाएं

महाभारत के अनुसार बताया जाता है कि एक बार भगवान कृष्ण के हाथ में चोट लग गई थी। तब द्रोपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर (रक्षा सूत्र) उनके हाथ में बांधा था। भगवान ने उसी समय द्रौपदी को उनकी रक्षा का वचन दिया था और भगवान ने कौरवों की सभा में द्रोपदी की रक्षा की थी।

भाई को राशि के अनुसार बांधे राखी

  • मेष: लाल रंग की राखी बांधे
  • वृष: सफेद, सिल्वर रंग की राखी बांधे
  • मिथुन: हरे रंग या चंदन से बनी राखी बांधना शुभ रहेगा
  • कर्क: सफेद रंग या मोतियों की बनी राखी बांधे
  • सिंह: पीले, गुलाबी या सुनहरे रंग की राखी बांधना शुभ फलदायी रहेगा
  • कन्या: हरे या सफेद रेशमी रंग की राखी बांधे
  • तुला: आसमानी, सफेद, क्रीम रंग की राखी बांधना शुभ रहेगा
  • वृश्चिक: गुलाबी रंग की राखी बांधे
  • धनु: पीले रंग या रेशमी राखी बांधना शुभ रहेगा
  • मकर: नीले, सफेद, सिल्वर रंग की राखी बांध सकते हैं
  • कुंभ: सिल्वर, पीले रंग की राखी बांधना शुभ रहेगा
  • मीन: पीले रंग की राखी बांधना शुभ रहेगा

रक्षाबंधन पर बन रहे ये शुभ योग

रक्षाबंधन पर कई शुभ योग बन रहे हैं, रवि और सर्वार्थ सिद्ध योग का भी नाम शामिल है। वहीं इस दिन सूर्य देव भी अपनी स्वराशि में संचरण कर रहे हैं। साथ ही कर्मफल दाता शनि देव भी शश राजयोग बनाकर विराजमान हैं। इसके साथ ही बुध और शुक्र भी इस राशि में होंगे, जिससे बुधादित्य और शुक्रादित्य राजयोग का बन रहे हैं।

भद्रा काल में इन कामों को करने से बचना

शास्त्रों के अनुसार भद्रा के समय भोलेनाथ तांडव करते हैं और क्रोध की अवस्‍था में होते हैं। ऐसे वक्‍त में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इसलिए भद्रा काल में किसी प्रकार की शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है।

इस विधि से बांधे रक्षा बंधन

राखी बांधने की विधि शास्त्रों में बताई गई है। जिसमें सबसे पहले थाली में राखी, रोली, दीपक, कुमकुम, अक्षत और मिठाई रख लें। वहीं वास्तु के अनुसार भाई का मुख पूर्व या उत्तर दिशा रखें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि तिलक करते वक्त भाई के सिर पर कोई कपड़ा जरूर हो। वहीं इसके बाद भाई की आरती करें और हाथ में राखी बांधे।

जानिए, भाई, बहन न होने पर किस को बांधे राखी

शास्त्रों अनुसार अगर किसी की बहन या किसी का भाई ना हो तो वो रक्षाबंधन पर भगवान गणेश, श्रीकृष्ण और शिवजी को राखी बांध सकती है। वहीं इसके अलावा आप अपने चचेरे , ममेरे भाई- बहनों से भी राखी बंधवा सकते हैं या बांध सकते हैं। ब्राह्मण को भी राखी बांधना शुभ फल देता है।

राखी बांधते समय इन बातों का रखें ध्यान

राखी बांधने से पहले अपने इष्टदेव की विधिवत पूजा-अर्चना करें। वहीं इसके बाद सबसे पहले भगवान गणेश को रक्षासूत्र बांधे और घर के मंदिर में अपने-अपने इष्टदेव की पूजा करते हुए घी का दीपक जलाएं और उन्हें रक्षासूत्र अर्पित कर आशीर्वाद लें। इसके बाद ही अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन करें। ऐसा करने भाई- बहनों के जीवन में सुख- समृद्धि बनी रहेगी।

दीपक जरूर जलाएं

रक्षाबंधन पर राखी बाधंते समय थाली में दीपक जरूर जलाना चाहिए। क्योंकि दीपक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह माना जाता है। साथ ही आसन या कुर्सी पर बैठकर ही भाई के साथ में राखी बांधनी चाहिए।

इन वस्तुओं को पहनकर नहीं मनाएं रक्षाबंधन

कई लोग देखें होंगे जो मांगलिक और धार्मिक कार्यक्रम में चमड़े की बेल्ट, पर्स और चप्पल जूते पहने रखते हैं। जो कि गलत है। इसलिए रक्षाबंधन पर भाई- बहनों को कोई भी चमड़े का आयटम पहनकर रक्षाबंधन नहीं मनाना चाहिए। क्योंकि चमड़े को ज्योतिष में अशुभ बताया गया है।

इस रंग के कपड़े नहीं पहनें

रक्षाबंधन के दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। क्योंकि ज्योतिष में काले रंग को अशुभ माना है। इसलिए पीले, लाल और गुलाबी रंग के कपड़े भाई- बहनों को धारण करने चाहिए।

राखी बांधने के नियम

शास्त्रों अनुसार पुरुषों और अविवाहित कन्याओं को दाएं हाथ में रक्षासूत्र बांधना चाहिए वहीं विवाहित स्त्रियों के लिए बाएं हाथ में राखी बांधने का विधान है।

राखी बांधने का मंत्र
“येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:”

बन रहे हैं ये शुभ योग

रक्षाबंधन पर कई शुभ योग बन रहे हैं, रवि और सर्वार्थ सिद्ध योग का भी नाम शामिल है। वहीं इस दिन सूर्य देव भी अपनी स्वराशि में संचरण कर रहे हैं। साथ ही शनि देव भी शश राजयोग बनाकर विराजमान हैं। इसके साथ ही बुध और शुक्र भी इस राशि में होंगे, जिससे बुधादित्य और शुक्रादित्य राजयोग का बन रहा है।

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