Rakhi : भाइयों की कलाई में सजाई जाएगी ‘रक्षा ढोकरा राखी’

Rakhi
समूह की महिलाएं पहली बार बना रही हैं ढोकरा शिल्प की राखियां, बाजार में बेहतर प्रतिक्रिया
रायपुर/नवप्रदेश। Rakhi : ढोकरा शिल्प अब राखिया बनकर रक्षाबंधन के दिन भाइयों के कलाइयों में सजेंगी। पहली बार ढोकरा शिल्प की राखियों का निर्माण कोंडागांव जिले के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान की स्व-सहायता समूह की महिलाएं कर रही है।यह प्रयोग हस्तशिल्प से जुड़े शिल्पकारों को एक नया आयाम देने वाला है। कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा के मार्गदर्शन पर अभिनव पहल की जा रही है।

22 अगस्त को रक्षा बंधन का त्यौहार है, और इसी के साथ बाजारों में भी रंगबिरंगी राखियों (Rakhi) की दुकानें सज जाती है। इसी कड़ी में ग्राम केबईछेपड़ा की जागो महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं और हस्तशिल्पयों को पंखुड़ी सेवा समिति के द्वारा ढोकरा राखियों के निर्माण करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया था।
रुद्राक्ष-मोली-मोती से बना रक्षासूत्र
ढोकरा राखियों को तैयार करने के लिए विभिन्न स्थानीय कलाकारों एवं बिहान समूह की महिलाओं द्वारा विभिन्न परंपरागत कलाकृतियों एवं मॉडल आर्ट को जोड़कर अनुठे डिजाइन तैयार किये गये हैं। इन राखियों में मौली, रुद्राक्ष, मोती रत्न आदि का भी उपयोग किया जा रहा है। इसकी ब्रांडिंग रक्षा ढोकरा राखी के नाम से करने का निर्णय बिहान समूह के महिलाओं द्वारा किया गया है।
इस पहल से एक ओर जहां शिल्पियों और महिलाओं को आय के नए स्रोत प्राप्त हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर हस्तशिल्पियों को अपनी कल्पनाशीलता को एक नया आयाम मिलेगा। वे कला के माध्यम से नए डिजाइन और नई सोच के साथ एक बेहतर अभिव्यक्ति का सृजन कर सकती है।

लिया अग्रिम आर्डर
इन राखियों (Rakhi) को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर मार्केटिंग के साथ सोशल मीडिया पर व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। नि:संदेह कुछ अलग हटकर ढोकरा राखियों को बेहतर प्रतिसाद मिल भी रहा है। इन राखियों के संबंध में विभिन्न व्यापारियों द्वारा अग्रिम आर्डर भी दिये जा चुके है। महिला समूह द्वारा इन राखियों को तैयार करने का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है और इनको खुले बाजार में विक्रय हेतु स्टॉल लगाकर विक्रय भी किया जा रहा है।