दहला देने वाली घटना के बाद तड़पती गायों को दम तोड़ते देख जागी भावना

दहला देने वाली घटना के बाद तड़पती गायों को दम तोड़ते देख जागी भावना

Rajnandgaon: Gau Karuna Vardan Seva Samiti

Rajnandgaon: Gau Karuna Vardan Seva Samiti

घटना, दुर्घटना में घायल हो या फिर कमजोर, बीमार पशुओं की चौबीसों घंटे सेवा ही है उद्देश्य

  • गौमाता के लिए वरदान साबित हो रही गौ करुणा वरदान सेवा समिति की पहल

रमेश निवल बालु
राजनांदगांव/नवप्रदेश। Rajnandgaon: Gau Karuna Vardan Seva Samiti: एक बड़ी सड़क दुर्घटना में 6 गौ माताओं की मृत्यु देखकर दिल पसीज गया। पशुओं की तड़पकर मौत होते देखा तो मन में बेजुबानों के प्रति दया भाव के साथ उनकी सेवा करने की प्रेरणा जगी.. और फिर कुछ युवाओं के साथ गौ माता की सेवा में जुट गए।

बेजुबानों को भीषण गर्मी के साथ हर मौसम में राहत देने के भावों के साथ सात मई 2020 को संस्कारधानी में गौ करुणा वरदान सेवा समिति का उदय हुआ। यह एक ऐसी संस्था है जो गौमाता सहित अन्य पशुओं के लिए अब वरदान साबित हो रहा है। चार साल में देखते ही देखते यह समिति एक विशालकाय परिवार की ओर अग्रसर है। मनीष पारख, मनोज कवाड, शिवा वाधवानी, जैनम बैद, कोणार्क अग्रवाल सहित युवाओं की एक बड़ी टीम ने बेजुबान गौमाता की सेवा का जिम्मा उठाया है।

सुबह से रात तक त्याग, तपस्या और कड़ी मेहनत

सेवा भी साधारण नहीं बल्कि सुबह से लेकर रात तक चौबीसों घंटे त्याग, तपस्या और कड़ी मेहनत के साथ जुटे रहते हैं। जब भी किसी का फोन आता है तब युवाओं का ये समूह गौमाता की सेवा के लिए हाजिर हो जाता है। ये संस्था लगातार स्वयं के खर्चे से नि:स्वार्थ गौसेवा का कार्य कर रही है। हालांकि गौ सेवकों को कुछ रकम दान में प्राप्त होती है, लेकिन सेवा में खर्च का आंकड़ा देखें तो वह लगभग बीस फीसदी ही व्यवस्था हो पाती है। आगे रकम की व्यवस्था समिति के सदस्य अपनी जेब से करते हैं।

प्रतिदिन संस्था करती है 8 से 10 गौवंशों का इलाज

संस्था में पूर्व में एवीएफओ छत्रपाल टंडन अपनी सेवाएं दे रहे थे और वर्तमान में एवीएफओ चूड़ेंद्र चन्द्रवंशी अपनी सेवा दे रहे हैं। सुबह से लेकर रात तक प्रतिदिन संस्था 8 से 10 गौवंशों का इलाज करती हैं। कभी-कभी तो संख्या दर्जनभर से पार हो जाती है। राजनांदगांव शहर (Rajnandgaon: Gau Karuna Vardan Seva Samiti) के हर एक कोने में संस्था के सदस्य नि:स्वार्थ भाव के साथ बेजुबानों की सेवा कर रहे हैं। वहीं घायल, बीमार पशुओं के इलाज में शहरवासियों का भी बड़ा सहयोग मिलता है। ऐसे में भविष्य के लिए संस्था ने बड़ी कार्ययोजना बना रखी है।

व्हाट्सएप ग्रुप में है लगभग 800 से अधिक सदस्य

आज का समय ऑनलाइन का है। घायल या बीमार पशुओं की सूचना के लिए संस्था ने व्हाट्सएप ग्रुप बना रखा है, जिसमें लगभग 800 से अधिक लोग जुड़े हुए हैं। राजनंदगांव शहर एवं आसपास के क्षेत्र में कहीं भी कोई पशु से संबंधित घटना होती है तो वे तत्काल ग्रुप में फोटो के साथ सूचना डाल देते हैं। आवश्यकता पडऩे पर सदस्यों को कॉल कर जानकारी देते हैं। ग्रुप में गौ वंश की वर्तमान स्थिति की फोटो, स्थान की जानकारी दे दी जाती है। उसके बाद सदस्य पूरी तैयारी के साथ 10-15 मिनट के अंदर निर्धारित स्थल पर पहुंच जाते हैं।

प्यासे पशुओं के लिए 200 कोटने की व्यवस्था

बेजुबानों के लिए ऐसा कर गौ सेवा करुणा वरदान समिति के युवा ना सिर्फ संस्था के माध्यम से गौसेवा का पुनीत कार्य कर रहे हैं, बल्कि अपने-अपने निजी जीवन में व्यक्तिगत रूप से भी वो सेवा कार्य कर रहे हैं। संस्था के जैनम बैद पिछले पांच साल से गौ माता को राहत देने के लिए शहर भर में गर्मी में पानी की व्यवस्था के लिए कोटने का इंतजाम करते हैं। जगह-जगह सकारात्मक भूमिका निभाते हुए लोगों को घर, दुकान के सामने कोटना रखने के लिए प्रेरित करते हैं। इस सेवा काम में लोग आगे आकर भागीदारी निभाते हैं। बता दें कि जैनम द्वारा हर साल 200 कोटना की व्यवस्था की जाती है।

बच्चे की तरह घर पर ही घायलों की सेवा, खिलाते हैं 300 रोटी प्रतिदिन

वहीं संस्था के कोणार्क अग्रवाल गौसेवा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। ऐसा कई बार हुआ है जब गौवंशों को इलाज के दौरान कहीं रखने की जरूरत पड़ती है तो वे उन्हें अपने घर पर ही व्यवस्था करते हैं और बच्चे के समान उनकी देख-रेख करते हैं। संस्था (Rajnandgaon: Gau Karuna Vardan Seva Samiti) के शिवा वाधवानी भी वो जुझारू सदस्य हैं जो अब तक सैकड़ों गौ वंशों को अपनी फैक्ट्री में रख कर उनका जीवन बचा चुके हैं। सेवा कर चुके हैं और तो और शिवा वाधवानी द्वारा प्रति दिन 300 रोटी पशुओं के लिए बनवाई जाती हैं।

..तब पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक मार्च निकाला गया

संस्था के संबंध में सदस्य बताते हैं कि जुलाई 2022 में एक घटना घटी थी जहां एक ट्रक से 6 गौ वंशों को रौंद दिया गया था। इस मामले को लेकर सर्व गौ सेवकों ने एक शांति रैली भी महावीर चौक से पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक निकाल अपना विरोध दर्ज कराकर पुलिस का ध्यान आकर्षण करवाया था कि ग्राम मनकी से ग्राम सुंदरा तक जहां पशुओं का जमवाड़ा रहता है वहां बेरीकेटिंग की जाए ताकि गाडिय़ां धीरे चले जिससे आम आदमी के साथ पशुओं की जान को कोई खतरा न हो।

दुर्घटनाओं से बचाने बांधे 1100 राइडर बेल्ट

इधर संस्था ने अभियान छेड़ दिया। सदस्यों ने सड़कों पर पशुओं के साथ होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 1100 गौ वंशों को राइडर बेल्ट (रेडियम पट्टी) भी पहनाया गया, जिससे हाईवे में गौ वंशों की दूर से ही पहचान हो जाए, जिससे वे दुर्घटनाओं से बच जाए।

3000 गौ वंशों का कराया इलाज

गौ करुणा वरदान सेवा समिति के इस सेवा कार्य को समय-समय पर नगर निगम का भी सहयोग मिलता है। जैसे बीमार गौ वंशों को उनकी जगह से गौशाला पहुंचाने में खासतौर पर सेवा मिलती है। संस्था के द्वारा अब तक लगभग 3000 से अधिक गौ वंशों का इलाज किया जा चुका है।

इन संगठनों का भी बड़ा योगदान

संस्कारधानी कहे जाने वाले इस शहर में गौ रक्षा वाहिनी, बजरंग दल सहित अन्य संस्थाओं का भी सहयोग इन्हें मिलता है जिससे संस्था के युवा और अधिक ऊर्जा के साथ गौसेवा के काम में लगे रहते हैं। संस्था के पुनीत कार्य को देखते हुए गौशाला पिंजरापोल का भी बड़ा योगदान गौ माता के संरक्षण में मिलता है जिसमें बीमार गौ वंशों को कुछ दिन लगातार इलाज की जरूरत होती है उन्हें निगम के सहयोग से गौशाला में रखते हैं और फिर आगे के इलाज और उनके दाना-पानी की व्यवस्था गौशाला के सहयोग से होती है।

हम भी सहयोग कर बन जाते हैं पुण्य के काम में भागीदार

यहां गौ सेवा में बड़ी बात ये भी है कि रोजी-रोटी के लिए किराए से चारपहिया मालवाहक चलाने वाले से जब किसी घायल पशुओं को अस्पताल या गौ शाला तक लाने के लिए सहयोग मांगा जाता है तो वे बिना कुछ सोचे सीधे तैयार हो जाते हैं, ऐसे काम के लिए वे किराया लेने से भी इनकार कर देते हैं और कहते हैं थोड़ा पुण्य हमें भी कमाने दो..। वहीं इस सेवा काम को लेकर जब दैनिक नव प्रदेश की टीम ऐसे कुछ वाहन चलाने वालों से बात कर उनकी फोटो खींचनी चाही, नाम जानना चाहा तो उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया और कहा गौ करुणा वरदान सेवा समिति बेहद पुण्य का काम कर रहे हैं। कभी-कभी सेवा कर हम भी इसके भागीदार बन जाते हैं।

मानव जीवन में आए हैं.. तो कर जाएं एक नेक काम..

संस्था के जैनम सहित अन्य सदस्यों ने एक सवाल के जवाब में दैनिक नव प्रदेश की टीम से कहा हमें नाम की जरूरत नहीं है। हमारी संस्था को फेमस नहीं करना है, बल्कि हमें मानव जीवन मिला है। मानव जीवन में आए हैं.. तो एक नेक काम कर जाएं.. इस जीवन को पुण्य के काम में लगाना है, जिससे दिल को सुकून मिले.. मन को शांति..। हम किसी के काम आ सकें इसी उद्देश्य के साथ पशुओं के प्रति यह सेवा का काम करते हैं।

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