जिस कांग्रेस नेता के थे राजीव गांधी से मतभेद, उन्हें बनाया केरल का राज्यपाल |

जिस कांग्रेस नेता के थे राजीव गांधी से मतभेद, उन्हें बनाया केरल का राज्यपाल

rajiv gandhi, differences, Arif,

Arif mohammad khan

 एक राज्यपाल का तबादला,  चार नए राज्यपाल नियुक्त

नई दिल्ली/नवप्रदेश। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (rajiv gandhi) से मतभेदों (differences)  के लिए पहचाने जाने वाले पूर्व कांग्रेस (former congress leader) नेता व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद (Arif Mohmmad Khan) खान को केरल (kerala) का राज्यपाल (governor) बनाया गया है। रविवार को राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक एक राज्यपाल का तबादला कर चार नए राज्यपालों की नियुक्ति गई है।

इनमें हिमाचल प्रदेश के मौजूदा राज्यपाल कलराज मिश्र का तबादला कर अब उन्हें राजस्थान की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं 1986 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से शाह बानो केस में मतभदों के चलते कैबिनेट व कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले आरिफ मोहम्मद खान को केरल का राज्यपाल (governor) बनाया गया है। आरिफ ने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन तलाक विरोधी कानून का समर्थन भी किया था। खान कुछ वर्ष बसपा व भाजपा में भी रहे। लेकिन 2007 में उन्होंने भाजपा से भी इस्तीफा दे दिया था।

कोश्यारी को महाराष्ट्र, दत्तात्रय को हिमाचल का जिम्मा

bhgat singh koshyari

अन्य नवनियुक्त राज्यपालों (governor) में भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र, बंडारू दत्तात्रय को हिमाचल प्रदेश व डॉ. तमिलीसाई सुंदरराजन को तेलंगाना की जिम्मेदारी दी गई है। राष्ट्रपति भवन से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक नए राज्यपालों (governor) के अपना पदभाार ग्रहण करने की तिथि से नई नियुक्तियां लागू हो जाएंगी।

 

आरिफ के राजीव से इसलिए थे मतभेद

rajiv gandhi

राजीव गांधी से (rajiv gandhi) आरिफ मोहम्मद खान के मतभेदों की जड़ था शाह बानो केस। दरअसल शाह बानो को उनके पति ने तलाक दे दिया था। जिसके बाद शाह बानो ने गुजारा भत्ता के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की। उनकी जीत भी हुई। सुप्रीम कोर्ट ने उनके पति को उन्हें गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया। मुस्लिम संगठनों ने इसका पुरजोर विरोध किया।

पहले तो राजीव (rajiv gandhi) सरकार की ओर से भी संसद में फैसले की तारीफ की गई। फैसले की प्रशंसा में तत्कालीन केंद्रीय राज्यमंत्री आरिफ मोहम्मद खान ने ही भाषण दिया था। लेकिन बाद में दबाव के चलते राजीव (rajiv gandhi) सरकार को यू टर्न लेना पड़ा। सरकार ने नया कानून बनाकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया। चूंकि आरिफ मुस्लिम पर्सनल लॉ में बदलाव के हिमायती थे, उन्होंने 1986 मेंं इस मसले पर राजीव गांधी (rajiv gandhi) से मतभेदों के चलते मंत्रिमंडल व कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।

JOIN OUR WHATS APP GROUP

डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *