Raipur Ration Top District : राशन वितरण में रायपुर टॉपर…सुदूर जिलों में अब भी धीमी रफ्तार…

Raipur Ration Top District
Raipur Ration Top District : छत्तीसगढ़ में चावल उत्सव के तहत राशन वितरण अभियान अपने अंतिम चरण में है। 31 जुलाई की डेडलाइन को ध्यान में रखते हुए अब विभागीय गतिविधियां तेज हो गई हैं। अभी तक राज्यभर में लगभग 95 प्रतिशत कार्डधारकों को तीन माह का चावल बांटा जा चुका है। इस सूची में रायपुर जिला सबसे ऊपर है – जहां लक्ष्य से अधिक यानी 100.36% वितरण दर्ज किया गया है।
वहीं दूसरी ओर सुकमा (86.50%) और दंतेवाड़ा (90.19%) जैसे सीमावर्ती जिले अब भी पीछे चल रहे हैं। राज्य शासन ने सभी जिलों को निर्देश जारी कर वार्ड स्तर पर माइक्रो प्लानिंग के ज़रिए शत-प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करने को कहा है।
करीब 2.92 लाख कार्डधारी अब भी बाकी, APL धारक हैं अधिकतर
जानकारी के अनुसार, अब भी लगभग 2 लाख 92 हजार कार्डधारी ऐसे हैं जिन्हें अब तक तीन माह का चावल(Raipur Ration Top District) नहीं मिला है। इनमें APL कार्डधारकों की संख्या सबसे अधिक है। वितरण की पूर्व निर्धारित तिथि 30 जून थी, लेकिन केंद्र से अनुमति मिलने के बाद इस अवधि को 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया।
खाद्य विभाग का दावा है कि आठ दिन बचे हैं और तेजी से वितरण जारी है। अधिकारी इसे समयसीमा के भीतर पूरा कर लेने का भरोसा जता रहे हैं।
डिलेवरी में बाधा: मशीनें नई, परेशानी पुरानी
इस बार वितरण प्रणाली में तकनीकी बदलाव ने भी अड़चनें खड़ी कीं। एक जून से सभी दुकानों में नई ई-पॉश मशीनें लगाई गईं, जिनमें छोटी स्क्रीन और सीमित फिंगरप्रिंट स्कैनर की वजह से लोगों की उंगलियां ठीक से स्कैन(Raipur Ration Top District) नहीं हो सकीं। इस कारण कई हितग्राहियों को सिर्फ एक या दो माह का चावल ही मिल पाया, और वे अब शेष राशन के लिए जुलाई में दोबारा कतार में हैं।
ये जिले रहे अव्वल – वितरण में दिखाया अनुशासन
जिला | वितरण (%) |
---|---|
रायपुर | 100.36% |
बालोद | 98.90% |
रायगढ़ | 98.48% |
धमतरी | 98.64% |
खैरागढ़-गंडई | 98.25% |
मुंगेली | 97.52% |
सारंगढ़-बिलाईगढ़ | 97.04% |
सूरजपुर | 97.00% |
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही | 96.38% |
राजनांदगांव | 96.19% |
अधिकारिक अपील– 31 जुलाई से पहले जरूर लें अपना चावल
“जिन कार्डधारकों ने अभी तक तीन माह का चावल नहीं उठाया है, वे 31 जुलाई से पहले अपने नजदीकी राशन दुकान से चावल प्राप्त करें।”
– भूपेंद्र मिश्रा, खाद्य नियंत्रक, रायपुर